बीजेपी ने की गवर्नर को हटाने की मांग
११ अक्टूबर २०१०कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने विधान सभा में बहुमत साबित कर दिया है. सोमवार सुबह मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की सरकार के समर्थन में ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव को पारित किया गया. हालांकि इसके बाद भी सरकार के सिर से संकट पूरी तरह टला नहीं है.
विधान सभा अध्यक्ष केजी बोपैया ने राज्यपाल एचआर भारद्वाज के निर्देश को न मानते हुए सभ 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया. इनमें से 11 विधायक बीजेपी के हैं जबकि 5 निर्दलीय हैं. इसके चलते वे लोग वोटिंग में हिस्सा नहीं ले सके और सदन में सदस्यों की संख्या 224 से घटकर 208 रह गई. बीजेपी के पास 108 विधायक हैं इसलिए उसे बहुमत मिल गया.
लेकिन अभी गेंद राज्यपाल के पाले में है. विधान सभा अध्यक्ष ने राज्यपाल के निर्देश को नहीं माना है इसलिए वह चाहें तो राज्य में विधान सभा भंग करके राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं. शायद इसीलिए बीजेपी राज्यपाल को हटाने की मांग कर रही है.
विश्वास मत के दौरान विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. भारी शोर शराबे के बीच अध्यक्ष केजी बोपैया ने ध्वनि मत से विश्वास मत के पारित होने का एलान किया.
विधान सभा अध्यक्ष के बागी विधायकों के अयोग्य करार देने से केंद्र सरकार खुश नहीं है. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अध्यक्ष ने दल बदल कानून का सही इस्तेमाल नहीं किया.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य