बुंडेसलीगा में लेवरकूज़ेन अब भी चोटी पर
१७ अक्टूबर २००९जर्मनी की फर्स्ट डिवीज़न फ़ुटबॉल लीग में हैम्बर्ग के पास आज फिर से पहले स्थान पर पहुंचने का मौक़ा था. लेकिन अपने ही मैदान पर उसने दर्शकों को निराश किया और मौक़ा गंवा दिया. मैच 0-0 से बराबर रहा है. दोनों के अंक बराबर हैं लेकिन बायर लेवरकूज़ेन बेहतर गोल औसत के आधार पर पहले स्थान पर है जबकि हैम्बर्ग दूसरे स्थान पर है. लेवरकूज़ेन के कोच युप्प हाइंकेस ने स्वीकार किया कि हैम्बर्ग बहुत दबावपूर्ण खेला और बायर अपनी रक्षापंक्ति के सहारे टिक पाया.
चूंकि चोटी की टीमें बराबरी से आगे नहीं बढ़ पाईं और अपने अंकों में सिर्फ़ एक अंक जोड़ पाई शाल्के, वैर्डर ब्रेमेन और बायर्न म्युनिख की टीमें उनके और क़रीब खिसक आई हैं. शाल्के ने श्टुटगार्ट को 2-1 से हराया जबकि वैर्डर ब्रेमेन ने होफ़ेनहाइम को 2-0 से पछाड़ा और तीन महत्वपूर्ण अंक जीते. दस साल बाद श्टुटगार्ट में हुई पहली जीत के साथ शाल्के ने 19 अंकों के साथ तालिका में तीसरे नंबर की अपनी स्थिति की पुष्टि की है. श्टुटगार्ट के ट्रेनर मार्कुस बाबेल के लिए यह पिछले पांच खेलों में चौथी हार थी.
इस बीच ब्रेमेन ने अपनी जीत जारी रखी है. उसने हॉफ़ेनहाइम को अपने स्टेडियम में 2-0 से पछाड़कर 18 अंक बना लिए और चौथे स्थान पर पहुंच गया है. पिछले साल ब्रेमेन ने हॉफ़ेनहाइम को तेज़ और गोलों से भरे खेल में 5-4 से हराया था, लेकिन इस साल सिर्फ़ पहले हाफ़ में तेज़ खेल देखने को मिला. ट्रेनर ठोमास शाफ़ कहते हैं, "टीम ने बहुत अच्छा खेला है. मैं खुश हूँ."
बायर्न म्युनिख को संकट से बाहर निकलने के प्रयासों में सफलता मिल गई है. तीन मैचों में गोल करने से वंचित रहने के बाद उसे पहली बार गोल करने का मौक़ा मिला. 315 मिनट बाद फिर से एक गोल और वह फ़्राइबुर्ग को 2-1 से हराकर अंक तालिका में पांचवे स्थान पर चला गया है.
आज कोई गोलों वाला दिन नहीं था फिर भी बर्लिन की टीम हैर्था को अपने नए ट्रेनर फ़्रिडहेल्म फ़ुंकेल के नेतृत्व के बावजूद सबसे निचले स्थान से बाहर निकलने में सफलता नहीं मिली. वह न्यूरेमबर्ग से 0-3 गोलों से हार गया. अन्य मैचों में फ़्रैंकफ़ुर्ट ने हनोवर को 2-1 से हराया कोलोन ने माइन्त्स को 1-0 से हरा दिया.
रविवार को वोल्फ़्सबुर्ग का मुक़ाबला मौएंचेनग्लादबाख से होगा जबकि दूसरे मैच बोरुसिया डॉर्टमुंड की टीम बोखुम की टीम से भिड़ेगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस जोशी