ब्रिटिश दूतावास से बर्लिन में जासूसी
५ नवम्बर २०१३अखबार ने कहा कि ब्रिटिश सरकारी संचार मुख्यालय ने एंबेसी की छत से जासूसी की और इसके लिए उच्च तकनीक का इस्तेमाल किया.
ब्रिटिश दूतावास से चांसलर अंगेला मैर्केल का कार्यालय दूर नहीं है. अखबार के अनुसार एनएसए की जासूसी का भंडा फोड़ने वाले एडवर्ड स्नोडेन के जरिए मिली जानकारी से पता चला है कि ब्रिटेन भी जर्मन संसद के पास स्थित अपनी एंबेसी से जासूसी करता रहा है. इस जासूसी में ब्रिटेन के साथ अमेरिका और कुछ अन्य देश भी शामिल हैं.
इंडिपेंडेट अखबार ने बर्लिन में ब्रिटिश और अमेरिकी दूतावासों का एक हवाई चित्र छापा है जिनमें सफेद रंग के बड़े बक्सों को हाइलाइट किया गया है. अखबार का दावा है कि बर्लिन के ब्रांडेनबुर्ग गेट के पास इन दोनों दूतावासों से इन्हीं उच्च तकनीक वाले बक्सों की मदद से जासूसी की जाती रही है.
ब्रिटेन के गार्डियन अखबार में पिछले दिनों छपी रिपोर्ट के अनुसार पूरे पश्चिमी यूरोप में अमेरिका ने जासूसी का जाल बिछा रखा है, जिसकी सभी यूरोपीय देशों की सरकारों ने निंदा की है. पिछले दिनों जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के मोबाइल फोन पर भी अमेरिकी जासूसी की खबरें आने के बाद से यूरोप में अमेरिका के खिलाफ गुस्सा है.
अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनएसए) पर 34 देशों के शीर्ष नेताओं की जासूसी करने के आरोपों के 10 दिन बाद अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने माना कि बात कुछ ज्यादा ही आगे निकल गई. उन्होंने आश्वासन भी दिलाया था कि आगे ऐसा नहीं होगा. माना जा रहा है कि इसके बाद पिछले हफ्ते बर्लिन में दूतावास की छत से चल रही जासूसी को रोका गया.
एनएसए पर जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल के साथ ही ब्राजील और मेक्सिको के राष्ट्रपतियों की जासूसी करने के आरोप भी हैं. इसकी जानकारी एनएसए के पूर्व कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडन के लीक किए दस्तावेजों से मिली. एनएसए पर फ्रांस, स्पेन और इंडोनेशिया में भी बड़े पैमाने पर जासूसी के आरोप हैं. ये सभी अमेरिका के मित्र देश हैं.
द डेली अखबार ने लिखा है कि स्नोडेन के दस्तावेजों के अनुसार ब्रिटेन के सरकारी संचार मुख्यालय (जीसीएचक्यू) के जरिए दुनिया के कई देशों में प्रमुख राजनयिक इमारतों से जासूसी में अमेरिकी खुफिया तंत्र की मदद की जाती रही है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के कार्यालय के प्रवक्ता ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इंकार किया है. जहां एक तरफ यूरोपीय देश अमेरिकी जासूसी पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं वहीं पिछले हफ्ते गार्डियन में छपी रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी, फ्रांस, स्पेन और स्वीडेन ने भी जीसीएचक्यू की मदद से सामूहिक जासूसी तंत्र विकसित किया. गार्डियन ने कहा है कि यूरोपीय खुफिया सेवाओं ने कमजोर लेकिन विकासशील साथी सदस्यों की जासूसी फाइबर ऑप्टिक केबल में सीधे घुसपैठ और संचार कंपनियों के साथ सांठ गांठ के जरिए की.
एसएफ/एनआर (रॉयटर्स,एएफपी)