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ब्रिटेन और जर्मनी मिल कर बनाएंगे यह टैंक

२६ अप्रैल २०२४

प्रधानमंत्री बनने के बाद जर्मनी के पहले दौरे पर आए ऋषि सुनक और जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है. इस समझौते में आरसीएच-155 टैंक को विकसित करना भी शामिल है.

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जर्मनी में परीक्षण के लिए मैदान में उतरा आरसीएच 155 टैंक
आरसीएच 155 टैंक ने कई मामलों में टैंकों के लिए मानक तय कर दिए हैंतस्वीर: KMW/dpa/picture alliance

जर्मनी और ब्रिटेन मिल कर 155 एमएम के गोले दागने में सक्षम रिमोट कंट्रोल वाला टैंक विकसित करना चाहते हैं. ऋषि सुनक के जर्मनी दौर में इस पर सहमति बन गई है. यह टैंक 40 किलोमीटर तक के दायरे में मौजूद लक्ष्य को निशाना बना सकता है. रिमोट कंट्रोल्ड होवित्जर व्हील्ड आर्टिलरी सिस्टम को जर्मनी की टैंक बनाने वाली कंपनी, क्राउस मफाई वेगमान (केएमडब्ल्यू) के बॉक्सर व्हीकल पर फिट किया जाएगा.

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एक मिनट में 9 गोले दाग सकता है

सुनक के दफ्तर की तरफ से जारी बयान के मुताबिक यह होवित्जर टैंक एक मिनट में 155 एमएम कैलिबर के 9 गोले 40 किलोमीटर तक की रेंज में फायर कर सकता है. आरसीएच 155 दुनिया का पहला होवित्जर टैंक हैं जो यात्रा करने के दौरान भी फायर कर सकता है. इस खूबी की वजह से इसे दुश्मन के हमले का निशाना बनने से बचाना आसान होता है.

बर्लिन में चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के साथ प्रधानमंत्री सुनक
प्रधानमंत्री बनने के बाद जर्मनी के पहले दौरे पर आए ऋषि सुनकतस्वीर: Markus Schreiber/AP/picture alliance

केएमडब्ल्यू की तरफ से इस टैंक के बारे में जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक इसमें बड़ी संख्या में गोले साथ लेकर चलने के साथ ही तेजी से उन्हें लोड करने, ज्यादा स्थाई गन प्लेटफॉर्म और सटीक निशाना लगाने की अधिकतम क्षमता है. यह जीपीएस के साथ या उसके बगैर भी काफी सटीक निशाना लगा सकता है.

नेटवर्क आधारित आर्किटेक्चर

टैंक में गोले खुद ही लोड हो जाते हैं. नेविगेशन और फायर कंट्रोल का ऑटोमैटिक होना आधुनिक टैंकों की दुनिया में इसे काफी आगे ले गया है और आरसीएच 155 कई मामलों में एक मानक बन गया है.

ऑटोमैटिक और नेटवर्क बेस्ड होने के साथ ही इसमें विस्तार की भी अभी अपार संभावनाएं हैं. इसकी मारक क्षमता को 54 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है. जरूरत के मुताबिक अपनी ऊंचाई एडजस्ट करने में सक्षम 360 डिग्री घूमने वाली टैंक की गन सभी दिशाओं में फायर कर सकती है. ऑटोमैटिक सिस्टम इसे किसी चलते फिरते निशाने को भी ध्वस्त करने की ताकत देते हैं.

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नेटवर्क पर आधारित आर्किटेक्चर की वजह से भविष्य में आरसीएच 155 को ऑटोनोमस ड्राइविंग और रिमोट कंट्रोल से फायरिंग करने में सक्षम बनाया जा सकता है. इन्हीं सब गुणों की वजह से इसे भविष्य का सबसे उन्नत आर्टिलरी सिस्टम कहा जा रहा है. ब्रिटेन के साथ मिल कर जर्मनी इसी प्रोजेक्ट पर काम करेगा. इससे दोनों देशों में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होने की भी उम्मीद जताई जा रही है.

जर्मन कंपनी केएमडब्ल्यू की बनाई आरसीएच 155 टैंक
तैयार होने के बाद आरसीएच 155 की पहली खेप यूक्रेन भेजी जाएगीतस्वीर: KMW

दमदार मगर सुविधाजनक बॉक्सर व्हीकल

टैंक को जिस बॉक्सर व्हीकल पर लोड किया जा रहा है वह भी काफी उन्नत है. इसमें बढ़िया वेंटिलेशन सिस्टम होने के साथ ही कूलिंग और हीटिंग की भी सुविधा है. आग लगने की जानकारी यह खुद ही देने के साथ उसे बुझाने में भी सक्षम है. 

आरसीएच 155 एक हल्का, ज्यादा लचीला और लंबी दूरी तक मार करने वाला आर्टिलरी हथियार है जो सभी इलाकों में इस्तेमाल हो सकता है. इसमें क्रू सदस्यों के लिए काफी ऊंचे दर्जे की सुरक्षा का इंतजाम है. माइंस, आईईडी और बैलिस्टिक खतरों से बचाने में सक्षम आरसीएच अपने क्रू को खरोंच भी नहीं लगने देता. 

जर्मन कंपनी इन टैंकों को तैयार करने में कुछ सालों से लगी हुई है. उम्मीद की जा रही है कि 2024 में इन टैंकों की पहली खेप तैयार हो जाएगी जो यूक्रेन को  दी जाएगी.

रिपोर्टः निखिल रंजन (डीपीए)

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