ब्रिटेन और फ्रांस मिल कर परखेंगे परमाणु हथियार
२ नवम्बर २०१०फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक दिजों शहर से 45 किलोमीटर दूर पूर्वी फ्रांस में वाल्दुक में एक परमाणु प्रयोग केंद्र बनाया जाएगा. यह केंद्र 2014 से काम करना शुरू कर देगा. इन प्रयोगों के जरिए ब्रिटेन और फ्रांस के वैज्ञानिक अपनी परमाणु सामग्री को साझा तौर पर परख पाएंगे ताकि उनकी व्यवहारिकता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी मंगलवार को लंदन में अभूतपूर्व सैन्य सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. इस समझौते में साझा सैन्य बल बनाने और विमानों के लेनदेन की बात भी शामिल है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक वाल्दुक की प्रयोगशाला दक्षिणी इंग्लैंड में ब्रिटिश और फ्रेंच अनुसंधान केंद्र के साथ भी काम करेगी. दोनों देशों को इस सब पर करोड़ों यूरो खर्च करने होंगे.
ब्रिटिश अधिकारियों का कहना है कि इस साझा प्रयास से दोनों देशों की वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग से जुड़ी प्रतिभाएं एक साथ आएंगी जिसका दोनों देशों को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिलेगा. इस तरह मिल कर काम करने से आर्थिक मंदी से उभरते यूरोप के इन दोनों देशों की खासी बचत भी होगी. दो हफ्ते पहले ही कैमरन सरकार ने देश के 36.6 अरब पाउंड के रक्षा बजट में आठ प्रतिशत की कटौती का एलान किया है. अगले चार साल के दौरान होने वाली इस कटौती से बजट घाटे को नियंत्रित करने की कोशिश की जाएगी.
लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि दोनों देश अपनी गोपनीय परमाणु जानकारी भी साझा करेंगे. अधिकारियों के मुताबिक फ्रांस और ब्रिटेन के पास अलग अलग वॉरहेड्स हैं. एक अधिकारी ने बताया, "हम स्वतंत्र रूप से अपनी परमाणु प्रतिरोध क्षमता को बनाए रखेंगे. इस कोशिश का मकसद सिर्फ हमारी क्षमता की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एमजी