मुस्लिम पक्ष अयोध्या के फैसले को चुनौती देगा
१६ अक्टूबर २०१०लखनऊ में 51 सदस्यों वाली मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की समिति ने एक बैठक में सुप्रीम कोर्ट जाने का एलान किया गया. बोर्ड के एक सूत्र ने कहा, ''कार्यसमिति की बैठक के दौरान यह तय हुआ कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड या तो सीधे सुप्रीम कोर्ट जाएगा या सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के जरिए सर्वोच्च अदालत का रुख किया जाएगा.''
इस एलान से साफ हो गया है कि अदालत के बाहर मामले के हल की कोशिशें नाकाम साबित हो गई हैं. वैसे इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पहले ही नाराजगी जता चुके हैं. लेकिन फैसले के बाद दोनों पक्षों के बीच अदालत के बाहर मामले को सुलझाने की कोशिशें की जा रही थीं.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पहले ही कह चुका है कि हाई कोर्ट का फैसला मानने लायक नहीं है. मुस्लिम नेताओं के मुताबिक हाई कोर्ट ने सबूतों के बजाय आस्था को केंद्र में रखा. इलाहाबाद हाई कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने अयोध्या की विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया है. फैसले में विवादित जमीन का एक हिस्सा निर्मोही अखाड़े को, एक हिस्सा राम जन्मभूमि न्यास को और एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया जाएगा.
अब मुस्लिम पक्षकारों के सुप्रीम कोर्ट जाने के एलान के बाद अयोध्या विवाद और लंबा खींचना तय हो गया है. दोनों पक्षों के कई बड़े नेता सुप्रीम कोर्ट जाने के प्रस्ताव के खिलाफ हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार