मोहनजोदड़ो बाढ़ से बच गया तो क्या सब बच जायेंगे
दुनिया का सबसे पहला नगर इस साल गर्मियों में पाकिस्तान की बाढ़ में तबाह होने के करीब पहुंच गया था. मोहनजोदड़ो बच तो गया है लेकिन यह ग्लोबल वार्मिंग के कारण खत्म होने का खतरा झेल रही विरासतों के लिए प्रतीक बन गया है.
बच गया मोहनजोदड़ो
ईसापूर्व 3000 साल पहले बना सिंधु घाटी सभ्यता का प्रमुख शहर मोहजोदड़ो पाकिस्तान की बाढ़ में बह कर खत्म होने से बच गया. बाढ़ में करीब 1600 पाकिस्तानी लोगों की जान गई और 3 करोड़ से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए लेकिन मोनजोदड़ो बच गया.
कैसे बचा मोहनजोदड़ो
शायद वास्तुकारों ने इसे ऐसे खतरों से बचाने के लिए इंतजाम किये थे वह काम आये. सिंधु नदी के ऊपर बस इस शहर में प्राचीन ड्रेनेज सिस्टम और नालियों की व्यवस्था है. इन्हीं नालियों की मदद बाढ़ के अतिरिक्त पानी के ज्यादातर हिस्से को यहां से बाहर निकाला जा सकता है.
किस्मत से बच रहा है मोहनजोदड़ो
करीब 100 साल पहले मोहनजोदड़ो की खोज हुई थी और यह जलवायु परिवर्तन के खतरे झेल रहा है. यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज प्रोग्राम के निदेशक लाजारे इलोंडू असामो का कहा है कि यह "किस्मतवाला" जो बचा हुआ है नहीं तो "इसके साथ ही पुरातात्विक निशानियां भी खत्म हो जायेंगी." शहर को मामूली नुकसान हुए हैं लेकिन उनकी मरम्मत की जा सकती है.
विरासतों पर खतरा
पिछले 50 सालों से यूनेस्को दुनिया की विरासतों की सूची बना रहा है. अब तक इसमें 1,154 नाम जुड़ चुके हैं. इनमें से हर पांच में एक विरासत और एक तिहाई प्राकृतिक जगहें जलवायु परिवर्तन या फिर जैव विविधता के कारण नुकसान का खतरा झेल रही है. इनमें जंगल की आग से लेकर, तूफान, चक्रवात, आंधी, बाढ़, वायु प्रदूषण और इस तरह तमाम खतरे हैं जो बार बार इन पर चोट कर रहे हैं.
जंगल की आग से झुलसे पर्वत
कनाडा के जंगलों की भयानक आग ने इसके चट्टानी पर्वतों का झुलसा दिया है. यह यूनेस्को की विरासतों में शामिल है. इस साल की आग डेल्फी के 15 किलोमीटर तक पास आ गई थी. लू चलने के कारण पूरे भूमध्यसागरीय बेसिन में जंगल की आग भयानक हो गई है.
माचू पिचू में भूस्खलन
इसी बीच पेरू की एंडीज पर्वतमाला की तलहटी में मौजूद माचू पिचू पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है. फिलहाल तो यह बचा हुआ है लेकिन कब तक बचा रहेगा नहीं कहा जा सकता.
ग्रेट बैरियर रीफ
ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ समुद्री जल का तापमान बढ़ने के कारण ब्लीचिंग का खतरा झेल रहे हैं.
घाना का फोर्ट प्रिंसेस्टाइन
घाना के फोर्ट प्रिंसेस्टाइन का कुछ हिस्सा भूमि कटाव के कारण बह गया. यह जगह प्राचीन काल में गुलामों की खरीद फरोख्त के लिए कुख्यात थी.
ताजमहल पर धब्बे
आगरा के ताजमहल के गुंबद और मीनारों की सफेदी शहर के बढ़ते प्रदूषण के कारण धुंधली हो रही है. कुछ साल पहले एक भूकंप ने भी इसकी बाहरी दीवारों को मामूली नुकसान पहुंचाया था.
बाढ़, सूखा, भूकंप अनदेखी
विरासतों पर जलवायु परिवर्तन के कई खतरों का अंदेशा है. कहीं बारिश की कमी तो कहीं बाढ़ तो कहीं भूकंप या सरकारों की अनदेखी इनके लिए खतरा बन रही हैं. ये विरासतें अपनी विशिष्ट वास्तु के कारण अब तक बची हुई हैं लेकिन कब तक यह कहना मुश्किल है.