यमन पार्सल बम मामले में गिरफ्तार छात्रा रिहा
१ नवम्बर २०१०यमन के एक अधिकारी ने कहा, "अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि किसी और ने इसकी पहचान चुराई है. जिसने भी ऐसा किया है उसे इस छात्रा के बारे में सारी जानकारी मालूम थी, उसका नाम, पता और टेलीफोन नंबर." पुलिस ने महिला को तब गिरफ्तार किया जब एक सामान भेजने वाली कंपनी से उसके टेलिफोन नंबर का पता चला. लेकिन जब कंपनी के एक व्यक्ति को उसे पहचानने बुलाया गया तो पता चला कि यह महिला वह नहीं थी जो सामान लेकर कंपनी गई थी. छात्रा को छुड़वाने के लिए यमन विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए. अब तक बम साज़िश के सिलसिले में केवल इस छात्रा को गिरफ्तार किया गया है. उसकी रिहाई के बाद अमेरिका और पश्चिमी देश यमन पर सही व्यक्ति को पकड़ने का दबाव डाल रहे हैं.
वहीं अमेरिका के एक अधिकारी के मुताबिक साज़िश के पीछे सउदी अरब का एक आतंकवादी हो सकता है. माना जाता है कि यह व्यक्ति, इब्राहिम हसन अल असीरी यमन में अल कायदा के साथ काम करता है. पिछले साल सउदी अरब के आतंकवाद विरोधी सेल के प्रमुख प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ पर आत्मघाती हमला करने की कोशिश में अल असीरी के भाई की मौत हो गई थी. इस हमले में विस्फोटक पदार्थ पीईटीएन का उपयोग किया गया था. अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि यमन से भेजे गए पार्सल में से एक में भी यही पदार्थ पाया गया है.
व्हाइट हाउस में आतंकवाद निरोधक सलाहकार जॉन ब्रेनन ने एक टेलिविज़न चैनल से इंटरव्यू में कहा, "जो भी व्यक्ति इन बमों को बना रहा है, बहुत खतरनाक है. यह एक ऐसा व्यक्ति है जिसके पास अनुभव और प्रशिक्षण है. हमें उसे ढूंढना है और जितनी जल्दी हो सके उसे कानून के हवाले करना है." यमन के एक अधिकारी ने इस बीच कहा है कि अमेरिकी और ब्रिटिश जासूस अब यमन के अधिकारियों के साथ मिलकर एक जासूसी टीम बनाएंगे जो मामले की जांच करेगी.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने शनिवार को कहा था कि ब्रिटेन के ईस्ट मिडलैंड एयरपोर्ट पर पाए गए बम संभावित तौर पर हवाई जहाज़ को उड़ान के दौरान धमाका करने के लिए बनाए गए थे. वहीं जर्मनी के संघीय अपराध कार्यालय बीकेए के मुताबिक उनके अधिकारियों ने ब्रिटेन को संदिग्ध सामान के बारे में जानकारी दे दी थी. यह सामान जर्मन शहर कोलोन के एयरपोर्ट के रास्ते गया था. जर्मन अधिकारियों के मुताबिक जब तक उन्हें यह जानकारी मिली, हवाई जहाज़ जर्मनी से निकल चुका था. जर्मनी और फ्रांस ने यमन से आ रहे सारे मालवाही जहाजों को रोक दिया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः महेश झा