युवा सपनों को पूरा करने की चुनौती23.01.2011२३ जनवरी २०११भारत से हर साल हजारों छात्र विदेश में पढ़ाई का ख्वाब बुनते हैं. सवाल उठता है कि क्या दुनिया भर में ग्लोबल पावर के रूप में उभरता भारत अपने युवाओं के सपनों को पूरा करने का काबिल अभी नहीं बना है.https://p.dw.com/p/Quc4विज्ञापन