यूरोप में भी बायोनटेक-फाइजर वैक्सीन को मंजूरी मिली
२१ दिसम्बर २०२०नीदरलैंड्स की राजधानी एम्सटर्डम से चलने वाली यूरोपीय मेडिसिंस एजेंसी ने सोमवार को बायोनटेक-फाइजर के टीके को अनुमति दे दी. अब औपचारिक तौर पर यूरोपीय आयोग को इस फैसले पर मुहर लगानी है. इसके साथ ही यूरोपीय संघ के 27 देशों में टीकाकरण अभियान जल्द शुरू हो जाएगा.
टीके को दो हफ्ते पहले ब्रिटेन में और हफ्ते भर पहले अमेरिका में आपातकालीन मंजूरी मिल चुकी है. वैक्सीन जर्मन कंपनी बायोनटेक ने अमेरिकी कंपनी फाइजर के साथ मिलकर विकसित की है. हालांकि जर्मनी समेत यूरोपीय संघ के देशों को ही यह टीका मिलने में देरी हुई. तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक यूरोपियन मेडिसिंस एजेंसी को 29 दिसंबर को निर्णय लेना था. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जर्मनी समेत कुछ देशों के दबाव के कारण यह इजाजत जल्दी दे दी गई.
अब यूरोपीय संघ के देशों के सामने 45 करोड़ लोगों तक यह वैक्सीन पहुंचाने की चुनौती है. आने वाले तीन चार दिनों में टीकाकरण अभियान शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है. बायोनटेक-फाइजर के टीके को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस पर ट्रांसपोर्ट करना है. यूरोप के ज्यादातर देशों में टीकाकरण के लिए जरूरी ढांचे तैयार कर लिए गए हैं. यह साफ है कि जनवरी 2021 में टीकाकरण अभियान रफ्तार पकड़ेगा.
यूरोप में लगने वाले टीके फाइजर की यूरोपीय प्लांटों से ही आएंगे. फाइजर की बेल्जियम और जर्मनी में दो बड़ी फैक्ट्रियां हैं.
माना जा रहा है कि यूरोपियन मेडिसिंस एजेंसी अमेरिकी कंपनी मॉर्डेना की वैक्सीन को लेकर 6 जनवरी को फैसला करेगी. फिलहाल अमेरिका में ही दोनों वैक्सीनों को आपातकालीन इस्तेमाल के तहत इजाजत दी गई है.
यूरोप में कोरोना की दूसरी लहर
यूरोपीय संघ के देश भी इस वक्त कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं. जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, नीदरलैंड्स और बेल्जियम जैसे देशों में पहली लहर से भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. ईसाई बहुल यूरोप में क्रिसमस सबसे बड़ा त्योहार होता है, लेकिन इस साल ज्यादातर देशों में क्रिसमस लॉकडाउन में गुजरेगा. अधिकतर देशों में लॉकडाउन जनवरी में भी कम से कम डेढ़ हफ्ते जारी रहेगा.
ओएसजे/एनआर (एएफपी, डीपीए)
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