राजा बोले, जो हो जाए इस्तीफा नहीं दूंगा
१२ नवम्बर २०१०शुक्रवार सुबह मीडिया से बातचीत में राजा ने कहा कि उनका इस्तीफा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि मामला कोर्ट में है. राजा की दलील है कि जब तक कोर्ट उन्हें दोषी करार नहीं दे देता, वह बेकसूर हैं और अपने पद पर बने रहेंगे.
राजा ने अपनी सफाई में कहा कि वह पिछली सरकारों के बनाए रास्ते पर ही चल रहे हैं. उन्होंने कहा, "1999 में जो संचार नीति बनाई गई थी मैंने उसी के आधार पर काम किया है. 2001 में भी सीएजी ने कहा था कि इस नीति की वजह से नुकसान हुआ. सीएजी की वह रिपोर्ट संसद में भी रखी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए मैं वही कर रहा हूं जो पिछली सरकारें करती रही हैं."
एआईएडीएमके नेता जे जयाललिता ने इस मुद्दे को भड़का दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राजा को हटा दें और अगर डीएमके सरकार का साथ छोड़ती है तो उनकी पार्टी सरकार को समर्थन देने को तैयार है.
उनके इस बयान के बारे में राजा ने कहा, "वह अपने आप को बचाने की कोशिश कर रही हैं. उन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. उन्हें तो यूपीए को समर्थन की पेशकश का नैतिक अधिकार ही नहीं है.”
सोमवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार