1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

'रोकी गई मैर्केल की जासूसी'

२८ अक्टूबर २०१३

अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय को जैसे ही पता चला कि एनएसए जर्मन चांसलर मैर्केल सहित 35 अन्य राष्ट्राध्यक्षों की जासूसी कर रहा है, उसने यह कार्यक्रम बंद करवा दिया. अमेरिका के सामने रिश्तों में भरोसा लौटाने की चुनौती है.

https://p.dw.com/p/1A74V
तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सोमवार को खबर दी कि राष्ट्रपति बराक ओबामा को इलेक्ट्रॉनिक जासूसी की खबर आंतरिक समीक्षा के दौरान मिली. इसके बाद उन्होंने एनएसए से टैपिंग रुकवा दी.

अर्धवार्षिक समीक्षा में ओबामा को पता चला कि एनएसए ने 35 राष्ट्राध्यक्षों के फोन टैप किए थे. अखबार का कहना है कि इसके बाद ही व्हाइट हाउस ने मैर्केल सहित सभी नेताओं की बातचीत पर निगरानी बंद कर दी थी. अखबार का दावा है कि जासूसी के कुछ प्रोग्राम खत्म होने वाले हैं. अधिकारियों के हवाले से समाचार पत्र ने लिखा है कि एनएसए के इतने जासूसी कार्यक्रम हैं कि सबके बारे में राष्ट्रपति को जानकारी देना व्यावहारिक नहीं है. ओबामा को "व्यापक इंटेलीजेंस कलेक्शन की प्राथमिकता के बारे में बताया गया था और सहमति भी ली गई थी. लेकिन अधिकारियों ने खास इंटेलीजेंस टारगेट तय किए. यह फैसले एनएसए में लिए गए हैं. राष्ट्रपति इस तरह के मामलों में दस्तखत नहीं करते." जर्नल ने यह जानकारी एक अधिकारी के हवाले से दी है.

इस तरह का जटिल जासूसी कार्यक्रम खत्म करना इसलिए मुश्किल है, क्योंकि भले ही अंगेला मैर्केल की जासूसी बंद कर दी गई हो, लेकिन वह ऐसे किसी राष्ट्राध्यक्ष से बात कर सकती हैं, जिसके टेलीफोन और संवाद पर नजर रखी जा रही हो.

जर्मनी के अखबार बिल्ड अम जोनटाग ने अमेरिकी खुफिया सूत्रों के हवाले से लिखा है कि एनएसए प्रमुख जनरल कीथ अलेक्जेंडर ने 2010 में हुए मैर्केल ऑपरेशन के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को सूचना दी थी. वहीं वॉशिंगटन में एनएसए की प्रवक्ता वैनी विनेस ने इसका खंडन किया. विनेस ने कहा, "अलेक्जेंडर ने 2010 के फॉरेन इंटेलीजेंस ऑपरेशन, जिसमें जर्मनी की चांसलर मैर्केल भी शामिल थी, उसके बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से कोई बातचीत नहीं की थी. न ही उन्होंने चांसलर मैर्केल की जासूसी के बारे में कुछ चर्चा की."

अमेरिकी डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर रहे व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडन के दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि अमेरिकी जासूसी का शिकार स्पेन भी था. स्पेन भी अमेरिकी राजदूत को तलब कर चुका है. पिछले हफ्ते से सामने आई मैर्केल की जासूसी की खबरों के बाद बर्लिन में अमेरिकी राजदूत को तलब किया गया. चांसलर मैर्केल ने राष्ट्रपति ओबामा से बात भी की, जिसमें उन्होंने जासूसी के बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया. हालांकि इसके बाद भी विवाद बढ़ता चला गया. मामले को सामने लाने वाली जर्मन पत्रिका डेय श्पीगल का दावा है कि एनएसए अंगेला मैर्केल की जासूसी 2002 से कर रही थी. रविवार को छपी इस रिपोर्ट के बाद हंगामा और बढ़ गया है. इस बीच जर्मनी के खुफिया सेवा के प्रमुख अमेरिका जा रहे हैं.

एएम/ओएसजे (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी