ललित मोदी की याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट में खारिज
१५ जुलाई २०१०इस सिलसिले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. मोदी का आरोप था कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई उनके प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है और उन्हें वहां से न्याय नहीं मिल सकता है. लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने मोदी की याचिका को खारिज कर दिया है और ऐसे में उन्हें बोर्ड की जांच का सामना करना ही पड़ेगा.
करीब ढाई साल पहले बीसीसीआई ने भारत में लीग क्रिकेट आईपीएल की शुरुआत की थी और ललित मोदी को इसका कर्ता धर्ता बनाया गया था. मोदी ने लगातार तीन बार इस मुकाबले का शानदार आयोजन कराया लेकिन इस साल आईपीएल 3 के दौरान उन पर गंभीर आरोप लगे. कहा गया कि मोदी ने आर्थिक अनियमितता के अलावा कई करीबी लोगों को फायदा पहुंचाने की भी कोशिश की. इसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें निलंबित यानी सस्पेंड करके तीन बार कारण बताओ नोटिस जारी किया.
मोदी ने नोटिसों का जवाब तो दे दिया लेकिन साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा दिया और याचिका दायर की कि बोर्ड उनके खिलाफ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है. मोदी के वकील विराग तुलजापुरकर ने कहा था कि उन्हें बोर्ड से इंसाफ की उम्मीद नहीं है.
मोदी के मामलों की जांच के लिए बीसीसीआई ने एक समिति बनाई है, जिसमें अरुण जेटली, ज्योतिरादित्य सिंधिया और आईपीएल के कार्यकारी कमिश्नर चिरायु अमीन शामिल हैं. कमेटी ने 16 तारीख को ललित मोदी को पेश होने के लिए कहा है.
मोदी पर जो आरोप हैं, उनमें आईपीएल प्रसारण और इसकी फ्रेंचाइजी खास लोगों को देने के गंभीर इल्जाम शामिल हैं. इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने भी उन पर आरोप लगाए हैं कि वह उनकी क्रिकेट को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः आभा एम