विवादों के बीच ज़रदारी की ब्रिटेन यात्रा
४ अगस्त २०१०भयानक बाढ़ के बीच देश छोड़ने के लिए भी आसिफ़ ज़रदारी की आलोचना हो रही है. पाकिस्तानी मूल के कई ब्रिटिश सांसदों ने उनके साथ लंच के एक कार्यक्रम को रद्द कर दिया. हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड नाज़िर ने पत्रकारों से कहा कि वे पाकिस्तानी राष्ट्रपति से नहीं मिलेंगे, क्योंकि उनकी राय में देश में बाढ़ की ऐसी विपदा की स्थिति में राष्ट्रपति को वहां मौजूद रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनता से दूर हो चुके हैं. ज़रदारी लंदन में पहुंचने के बाद उनके होटल के सामने प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि इस यात्रा के लिए बर्बाद किए जा रहे धन का बाढ़ पीड़ितों के लिए कहीं बेहतर इस्तेमाल हो सकता है.
लंदन पहुचने से पहले फ़्रांसीसी समाचार पत्र ले मोंद के साथ एक साक्षात्कार में राष्ट्रपति ज़रदारी ने कहा कि पाकिस्तान सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान के ख़िलाफ़ लड़ाई में हार रहा है. इसका मुख्य कारण है कि हम लोगों का दिल जीतने की लड़ाई में हार चुके हैं, उनका कहना था. ज़रदारी की राय में तालिबान सत्ता पर फिर से कब्ज़ा करने में तो कामयाब नहीं होगा, लेकिन उनका शिकंज़ा कसता जा रहा है.
वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता रॉबर्ट गिब्स ने ज़रदारी के वक्तव्य पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी राय में राष्ट्रपति ओबामा ज़रदारी के इस निष्कर्ष से सहमत नहीं होंगे कि तालिबान के ख़िलाफ़ लड़ाई में हार हो चुकी है.
इस बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने भारत में की गई अपनी टिप्पणी की फिर से पुष्टि की है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन कर रहा है. बीबीसी को उन्होंने बताया कि उन्होंने एक स्पष्ट सवाल का स्पष्ट जवाब दिया है. पाकिस्तान में आतंक के जाल को ख़त्म करने के लिए काम करना पड़ेगा, जो सारी दुनिया में निर्दोष लोगों को खतरा पहुंचा रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ए जमाल