शाही शादीः पूरी हुई प्रिंसेस डायना की इच्छा
१ मई २०११अपनी दुल्हन केट मिडलटन को लेकर जब राजकुमार विलियम खुली कार चलाते हुए बकिंगम पैलेस के बाहर खडी़ भीड़ के बीच निकले, तो संकेत साफ थे. शाही परिवार बदल रहा है. उनके लिए चिल्लाते लोगों के शोर में यह बात साफ सुनाई दे रही थी कि विलियम और केट ब्रिटिश राजशाही का नया चेहरा हैं जिसे लोग अपनी तरह ही देखना चाहते हैं.
परंपराओं के बाहर
विलियम और केट का यह कदम पारंपरिक औपचारिक जुलूस से बिल्कुल अलग था जिसमें सैन्य घुड़सवारों और बख्तरबंद गाड़ियों वाली सेना की पूरी टुकड़ी बारात के साथ चला करती थी.
द टाइम्स अखबार ने शनिवार को लिखा कि उत्सव में परंपरा को बनाए रखा गया था लेकिन एक नई और ताजा हवा को महसूस किया जा सकता था. अखबार ने लिखा कि यह "ज्यादा तनावमुक्त, ज्यादा निजी और स्वभाविक" था. अखबार के मुताबिक शादी का दिन बहुत ज्यादा वास्तविक था और आम लोगों को यह सब अपनी जिंदगी जैसा लगा.
बीबीसी के शाही परिवार के संवाददाता पीटर हंट ने कहा कि इस उत्सव ने शाही परिवार को नया जीवन देने का काम किया है. उन्होंने कहा, "इस उत्सव ने राजशाही में नई जान फूंक दी है. उसकी गतिविधियों में दुनिया की दिलचस्पी फिर से जगी. और इससे नई पीढ़ी के आगे आकर इसे बनाए रखने का वादा भी मिला."
डायना की इच्छा पूरी हुई
विलियम की मां डायना चाहती थीं कि उनके बच्चों को शाही परंपराओं और कर्तव्यों से मुक्त जीवन मिले और शादी के उत्सव में इस बात के संकेत साफ साफ दिखाई दिए. जब विलियम ने पहली बार सजी धजी दुल्हन को देखा तो उन्होंने बहुत ही स्वभाविक ढंग से उन्हें बताया कि वह सुंदर लग रही हैं. उन्होंने सबके सामने केट से हंसी मजाक किया.
यहां तक कि सबसे ज्यादा राजसी माने जाने वाले प्रिंस चार्ल्स पर भी इस हवा का असर नजर आया. उन्होंने अपनी सौतेली पोती तीन साल की एलिजा लोपेज को गोद में उठाया और प्यार किया. शाही बालकनी में इस तरह के हल्के फुल्के पल कम ही नजर आते हैं.
ताजा बयार के संकेत
शादी के बाद डांस पार्टी हुई जिसमें प्रिंस विलियम अपने भाई प्रिंस हैरी और दोस्तों के साथ शरीक हुए. बकिंगम पैलेस की यह पार्टी किसी डिस्कोथेक की तरह ही मस्त रही और सुबह तीन बजे तक चली.
सुबह के वक्त पार्टी से बाहर निकलते लोगों के अस्त व्यस्त कपड़ों से जाहिर था कि वे किसी शाही उत्सव से नहीं एक मस्ती भरी पार्टी से लौटे हैं. यह नई बयार का ही संकेत है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा