सचिन तेंदुलकर ने ठोंका दोहरा शतक
२९ जुलाई २०१०छोटे कद के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने जैसे ही अजंता मेंडिस की गेंद को छुआ, कोलंबो का स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. यहां जमा हजारों दर्शकों ने खड़े होकर मौजूदा वक्त के सबसे बड़े क्रिकेट खिलाड़ी का स्वागत किया. सचिन तेंदुलकर ने अपनी आदत के मुताबिक शांत भाव से हेलमेट उतारा, ऊपर आसमान की तरफ देखा और मन ही मन में कुछ कहा. इससे पहले हेलमेट में ऊपर की तरफ लगे तिरंगे को चूमना नहीं भूले.
अब तो यह रिवायत बन गई है. क्रिकेट की दुनिया टेस्ट मैचों में 48 बार यह देख चुकी है और हर अगली बार इसे देखना पहले से ज्यादा सुखद अनुभूति देता है. सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के लिए सिर्फ मिसाल नहीं, मापदंड बन चुके हैं.
दोहरा शतक पूरा करने के बाद सचिन ने एक बार फिर क्रीज पर गार्ड लिया और आगे की तैयारी में जुट गए. पहला टेस्ट मैच हारने के बाद दूसरे टेस्ट में भी टीम इंडिया की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी क्योंकि मेजबान टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 642 रन का विशालकाय स्कोर खड़ा कर रखा था. लेकिन सचिन तेंदुलकर के क्रीज पर आने के साथ ही पलड़ा उलटा तो नहीं, लेकिन बराबरी पर जरूर आ गया.
सचिन ने बेहद सहज ढंग से पारी की शुरुआत की. दूसरी तरफ से द्रविड़ और लक्ष्मण के विकेट गिर भी गए लेकिन मास्टर बलास्टर का बल्ला चलता रहा. बीच बीच में लाचार गेंद सीमा पार जाती रही और स्कोरबोर्ड पर रन चढ़ने शुरू हो गए. सचिन ने एक तरफ का विकेट थाम लिया था. उन्हें दूसरी तरफ से सुरेश रैना का अच्छा सहयोग मिला और रैना ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में सेंचुरी जड़ी.
लेकिन जिस तरह बुधवार को सबकी निगाहें सचिन तेंदुलकर के 48वें शतक पर थीं, उसी तरह गुरुवार को उनके दोहरे शतक पर. सचिन ने बिलकुल बिंदास अंदाज में सहज क्रिकेट खेलते हुए अपनी पांचवीं डबल सेंचुरी पूरी की. निर्विवाद रूप से सचिन तेंदुलकर इस वक्त के क्रिकेट के सबसे बड़े बल्लेबाज हैं लेकिन कुछ दिग्गजों का कहना है कि वह टेस्ट मैचों में लंबी पारियां नहीं खेल सकते हैं. पर सचिन ने पांच दोहरा शतक लगाकर और वनडे मैचों के इतिहास में इकलौता दोहरा शतक जमा कर सबकी जुबान बंद कर दी है. टेस्ट मैचों में 48 शतक के अलावा वनडे में उनके नाम 46 शतक हैं. यानी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन के नाम 94 शतक हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः आभा एम