सेना रिश्वत कांड में अदालत ने जवाब मांगा
३० मार्च २०१२जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने सरकारी वकील नीरज चौधरी से कहा कि वह रक्षा मंत्री से जानकारी लेकर 27 अप्रैल तक अदालत को बताएं. लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह ने अदालत से अपील की है कि वह सेना मुख्यालय को निर्देश दे कि इस रिलीज को वापस लिया जाए. अपने वकील अनिल के अग्रवाल के जरिए दी गई याचिका में तेजिंदर सिंह का दावा है कि सेना प्रमुख वीके सिंह सहित कुछ लोगों की मिलीभगत से यह रिलीज जारी हुई, इस रिलीज से मानहानि होती है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.
तेजिंदर सिंह ने मांग की है कि उन्होंने जिन अधिकारियों का नाम लिया है, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. वीके सिंह के अलावा उन्होंने सेना उप प्रमुख एसके सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल बीएस ठाकुर, मेजर जनरल एसएल नरशिमान और लेफ्टिनेंट कर्नल हितेन शावनी का जिक्र किया है. याचिका में कहा गया है, "ये लोग इस प्रेस रिलीज को जारी करने के लिए अधिकृत नहीं थे क्योंकि वे मेरा मानहानि नहीं कर सकते हैं."
अगले महीने सुनवाई
अदालत ने इस मामले को 27 अप्रैल तक के लिए मुल्तवी कर दिया है. जस्टिस गुप्ता ने कहा, "एक बार जब सरकार इस बात को साफ कर देगी कि वह रिलीज कहां से जारी हुई, उसके बाद ही यह तय होगा कि इस पर आगे कार्रवाई की जा सकती है या नहीं." अदालत ने तेजिंदर सिंह से भी कहा कि वह कोई ऐसी नजीर पेश करें, जिसके तहत सरकार ने पहले कोई रिलीज जारी की हो और उसे बाद में वापस लिया गया हो.
अपनी याचिका में रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह का कहना है कि एक से चार मार्च तक मीडिया में ऐसी खबरें आईं कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की कॉल रिकॉर्ड की जा रही है. इसके बाद पांच मार्च को यह रिलीज जारी कर दी गई. उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने मीडिया के साथ मिलीभगत की. उनका नाम आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में भी नाम आया और कहा गया कि उनके नाम एक घर है.
भारतीय सेना प्रमुख वीके सिंह ने पिछले हफ्ते यह कह कर सनसनी फैला दी थी कि सेना से रिटायर हुए एक अधिकारी ने उन्हें 14 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की ताकि भारतीय सेना घटिया गाड़ियों की खरीद कर सके. उनका कहना है कि इस मामले में उन्होंने फौरन रक्षा मंत्री एके एंटनी को जानकारी दे दी. इस घटना के बाद रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह का नाम उभर कर सामने आया.
टिप्पणी नहीं
इस बीच सेना प्रमुख वीके सिंह ने पूरे विवाद पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. दिल्ली में उन्होंने मीडिया से कहा, "मुझे जो कहना था मैंने कह दिया. अब मैं और कुछ नहीं कह सकता हूं. मुझे लगता है कि आप लोग बहुत ज्यादा कयास लगाते हैं."
सेना प्रमुख की चिट्ठी लीक होने के बाद कई राजनीतिक पार्टियों ने उनकी निंदा की है. इस चिट्ठी में जनरल सिंह ने भारतीय सेना की खराब स्थिति का जिक्र किया है. इस तरह हफ्ते भर के अंदर रिश्वत और चिट्ठी लीक होने के दो मामले सामने आ गए. इस बीच पांच मार्च की प्रेस रिलीज ने सेना के विवाद को और भी बढ़ा दिया है.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः एन रंजन