स्पैट्रम घोटाले पर संसद ठप
१५ नवम्बर २०१०सोमवार को जैसे ही संसद का सत्र शुरू हुआ, बीजेपी के सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर नारे लगाने लगे, "हम जेपीसी चाहते हैं." शिवसेना और एआईएडीएमके के सांसदों ने भी उनका साथ दिया. वामपंथी और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने अपनी सीटों पर बैठे बैठे इस मांग का समर्थन किया. सत्ता पक्ष के सांसदों ने भी विपक्ष को जवाब देते हुए नारे लगाने शुरू किए, "हम प्रश्नकाल चाहते हैं."
शोर शराबे के बीच लोकसभा की स्पीकर मीरा कुमार ने कांग्रेस के केसीवी वेणुगोपाल से अपना सवाल पूछने को कहा. ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन ने इस सवाल का जवाब दिया लेकिन शायद ही उसे कोई सुन पाया. प्रश्नकाल को चलाने के स्पीकर के फैसले के साथ विपक्ष के नारों का शोर भी बढ़ता गया जिसके बाद सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित करना पड़ा.
राज्यसभा में भी इसी तरह का नजारा था. वहां बीजेपी और एआईएडीएमके के सदस्यों ने जेपीसी की मांग करते हुए सदन की कार्यवाही को नहीं चलने दिया. विपक्षी नारों के जवाब में कांग्रेसी सांसदों ने कर्नाटक में कथित गैर कानूनी खनन को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे की मांग की.
इससे पहले विपक्ष के तीखे हमलों के बाद रविवार को 2जी स्पैक्ट्रम आवंटन घोटाले में संचार मंत्री ए राजा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
उधर सरकार ने इस मामले की जांच जेपीसी से कराने की मांग को खारिज किया है. गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, "जेपीसी की मांग का कोई मतलब नहीं हैं. बीजेपी सदन चलने दे." उन्होंने संसद का प्रश्नकाल स्थगित होने के कुछ देर बाद यह बात कही.
चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में सीएजी की रिपोर्ट को संसद की लोक लेखा समिति को सौंपा जाएगा जिसमें सभी पार्टियों का प्रतिनिधित्व है. उनके मुताबिक, "सीएजी रिपोर्ट लोक लेखा समिति के पास जाएगी. लोक लेखा समिति क्या है. इसका अध्यक्ष विपक्ष का नेता होता है. दरअसल इसमें सभी पार्टियों का प्रतिनिधित्व होता है."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार