हांगकांग: चीन ने पारित किया विवादित सुरक्षा कानून
३० जून २०२०चीन की रबड़-मोहर वाली संसद ने कानून को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इसे करीब छह सप्ताह पहले सार्वजनिक किया गया था और उसी समय इसने हांगकांग और पूरी दुनिया को चौंका दिया था.
अमेरिका और ब्रिटेन से ले कर यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र तक चिंता व्यक्त कर चुके हैं कि इस कानून का इस्तेमाल चीन द्वारा उठाए गए कदमों की आलोचना को समाप्त करने के लिए हो सकता है. चीन के मुख्य भूभाग में इसी तरह के कानून पहले से हैं जिनके जरिए वहां विरोध को कुचल दिया जाता है.
एक अभूतपूर्व कदम के तहत इस कानून को पारित करने के लिए हांगकांग की विभाजित विधायिका को नजरअंदाज कर दिया गया और इसकी शब्दावली को शहर के 75 लाख नागरिकों से गुप्त रखा गया.
बीजिंग की तरफ झुकाव रखने वाली हांगकांग की सबसे बड़ी पार्टी डीएबी ने कानून का स्वागत किया. बीजिंग की आधिकारिक नीतियों को हांगकांग तक पहुंचाने वाले दो अखबारों वेन वाई पो और ता कुंग पाओ ने भी कानून के पारित होने की पुष्टि की. इसके अलावा हांगकांग के दूसरे मीडिया संगठनों ने भी बीजिंग में अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए कानून के पारित होने की पुष्टि की.
लेकिन नागरिकों को अभी भी यह मालूम नहीं है कि इस कानून में क्या क्या प्रावधान हैं और इसके तहत क्या क्या गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया है. बीजिंग द्वारा नियुक्त की गई हांगकांग की नेता कैरी लैम ने मंगलवार को अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में ना तो कानून के पारित होने की पुष्टि की और ना उसके प्रावधानों पर कोई टिप्पणी दी.
विपक्ष के एक सांसद क्लॉडिओ मो ने कहा कि नए कानून में आखिर है क्या यह बात लोगों को इसके लागू होने के बाद पता चलेगी, ये उपहासपूर्ण है. जाने माने लोकतांत्रिक आंदोलनकारी जॉशुआ वॉन्ग ने ट्वीट कर कहा, "जिस हांगकांग को दुनिया आज से पहले जानती थी, उसका अंत हो चुका है. असंतुलित शक्ति और बुरी तरह से परिभाषित कानून शहर को एक रहस्मयी पुलिस राज्य में बदल देंगे." वॉन्ग और तीन और आंदोलनकारियों ने घोषणा की कि लोकतंत्र की तरफ झुकाव रखने वाली जिस डेमोसिस्टो पार्टी की उन्होंने स्थापना की थी, वे उस से इस्तीफा दे रहे हैं.
हांगकांग एक पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी है जिसे 1997 में चीन को "एक देश, दो प्रणालियां" नाम से जाने जाने वाले एक समझौते के तहत दिया गया था. इस समझौते के तहत 50 सालों तक शहर को कई चीजों में स्वतंत्रता और न्यायिक और विधायी स्वायत्ता दी गई थी. इस फार्मूला की वजह से ही शहर एक वैश्विक व्यापार केंद्र बन पाया, जिसे एक भरोसेमंद न्यायपालिका और राजनीतिक स्वतंत्रता और मजबूत बनाती थी.
आलोचक लंबे समय से चीन पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह इन सब आजादियों को धीरे धीरे खत्म करता रहा है, लेकिन यह नया कानून अभी तक का सबसे विवादस्पाद कदम है.
चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ में कुछ दिनों पहले इस कानून का सारांश छपा था और उसमें लिखा था कि पहली बार चीन की सुरक्षा एजेंसियां हांगकांग में अपने दफ्तर खोल पाएंगी. हांगकांग और चीन के मुख्य भू-भाग के बीच जो कानूनी दीवार थी, उसे गिराते हुए बीजिंग ने यह भी कहा है कि कुछ मामलों में उसका अधिकार होगा.
कुछ पश्चिमी सरकारों ने इस कानून के पारित होने पर चीन को संभावित परिणामों की चेतावनी दी है. अमेरिका ने कहा है कि नए कानून का मतलब है कि हांगकांग अब विशेष दर्जे का अधिकारी नहीं है क्योंकि अब उसके पास चीन के मुख्य भू-भाग से पर्याप्त स्वायत्तता नहीं है. एक प्रतीकात्मक कदम उठाते हुए, अमेरिका ने सोमवार को हांगकांग को भेजे जाने वाले संवेदनशील रक्षा निर्यातों को रद्द कर दिया.
सीके/आईबी (एएफपी)
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