हिन्दी चीनी भाई भाईः चीन
१५ दिसम्बर २०१०चकाचौंध के बीच दिल्ली पहुंचे चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की मुलाकात भारतीय छात्रों से हुई. उन्होंने भारतीय संस्कृति को लेकर अपने विचार छात्रों के साथ बांटे. जियाबाओ ने कहा, ''चीन में हर छात्र रबींद्रनाथ टैगोर के बारे में जानता है. साहित्य से जुड़े उम्रदराज लोगों पर आज भी टैगोर का प्रभाव है.'' उन्होंने खुद टैगोर की कई रचनाओं और किताबों का जिक्र किया और फिर छात्रों से पूछा कि आप मुझे कितने अंक देंगे. जबाव था, 10 में से 10.
इस दौरान 12वीं के एक छात्र ने उनसे पूछ लिया कि क्या मैं आपको दादा वेन कह सकता हूं. 68 साल के चीनी प्रधानमंत्री ने बुजुर्गों की तरह मुस्कुराते हुए कहा, ''हां'' आप मुझे दादा वेन कह सकते हैं. इस मुलाकात के बाद जियाबाओ के बारे में छात्रों की राय कुछ इस तरह रही, ''वह एक शानदार और दयालु व्यक्ति हैं.''
राजनीतिक मुद्दों के बारे में भी वह खुलकर बोले, कहा, ''भारत और चीन की दोस्ती 2,000 साल पुरानी है.'' उनके मुताबिक पिछले 10 बरसों में भी दोनों देशों की दोस्ती में विस्तार हुआ है. अपने देश की जनता का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने कहा, हमारे छात्रों को लगता है कि चीन और भारत की दोस्ती एशिया का प्रतिनिधित्व करेगी और खोई प्रतिष्ठा लौटाएगी.
मेजबानी से गदगद चीनी प्रधानमंत्री ने नरम रुख अपनाने का भी संकेत दिया. उन्होंने कहा, ''मेरे साथियों का और मेरा शानदार ढंग से दिल्ली में स्वागत हुआ. मुझे लगता है कि हम काफी कुछ कर सकते हैं. हम दोस्त हैं, हमेशा के लिए.'' बुधवार के फील गुड माहौल के बाद गुरुवार से अब चीनी शिष्टमंडल और भारतीय नेतृत्व की बातचीत होगी. दोनों देशों के बीच कई विवाद हैं और चुनौतियां भी. ऐसे में देखना है कि दोनों के बीच अविश्वास कितना कम होता है और दोस्ती की नई मंजिलें कहां तय की जाती हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल