100 साल गायब रहने के बाद लौटी सेई व्हेल
अर्जेंटीना के पैटेगोनियाई तटों से करीब 100 साल तक लापता रहने के बाद पहली बार विशालकाय नीली भूरी सेई व्हेलें दिखाई पड़ी हैं. लुप्तप्राय व्हेलों को बचाने की कोशिशें रंग लाई हैं.
व्हेलों की वापसी
धरती से लुप्त हो रही प्रजातियों को बचाने की कोशिशें कैसे कामयाब हो सकती हैं यह सेई व्हेलों की वापसी ने दिखा दिया है. करीब 100 साल के बाद इन व्हेलों की वापसी हुई है. व्हेलों के शिकार पर वैश्विक रोक लगने के कई दशकों बाद यह संभव हुआ है.
सेई व्हेल
सेई व्हेल पंखों वाली नीली बलीन व्हेलों की प्रजाति की तीसरी सबसे बड़ी व्हेल हैं. इनकी लंबाई 19.5 मीटर और वजन 28 टन तक हो सकता है. ये गहरे भूरे रंग की होती हैं और इनके शरीर के मध्य हिस्से में सफेद पट्टी होती है. सेई व्हेल की तैराकी सबसे तेज रफ्तार होती है. कम दूरी की यात्राओं में यह 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकती हैं.
व्हेलों के प्रवास पर नजर
जीवविज्ञानियों की टीम ने पिछले महीने कुछ सेई व्हेलों पर सेटेलाइट ट्रैकर लगाए ताकि उनके प्रवास के मार्ग और इलाकों पर नजर रखी जा सके. नेशनल ज्यॉग्राफिक के लोगों ने नावों, ड्रोन से और पानी अंदर जा कर उनके वीडियो फुटेज जमा किए. इसके लिए फंड नेशनल ज्यॉग्राफिक के प्रिस्टीन सीज प्रोजेक्ट से मिला.
आबादी में गिरावट
1920 से 1930 के दशक में अर्जेंटीना के तटों और उससे आगे जाने वाली व्हेल का शिकार करने वाले जहाजों ने व्हेलों की आबादी में गिरावट की ओर ध्यान खींचा. अधिकारियों और प्रशासन की तरफ इसका ध्यान दिलाने की कोशिश हुई. बीते 50 साल से वैश्विक स्तर पर इन व्हेलों के कारोबारी शिकार पर रोक लगी हुई है. इसका नतीजा अर्जेंटीना के पैटेगोनियाई तटों पर सेई व्हेलों और दूसरे जीवों की वापसी के रूप में नजर आया है.
व्हेलों की वापसी में लगे कई दशक
व्हेलों की संख्या पर्याप्त रूप से बढ़ने में कई दशकों का समय लगा. बीते कुछ सालों से वे फिर लोगों को दिखाई देने लगी हैं. सेई व्हेल 2-3 साल पर बच्चे पैदा करती हैं. व्हेलों की संख्या बढ़ने में 80 साल से ज्यादा लगे और 100 साल के बाद इन व्हेलों की संख्या इतनी हुई है कि वे फिर से दिखाई देने लगी हैं. कई और प्रजाति के व्हेलों की संख्या भी काफी बढ़ी है. तस्वीर में नजर आ रही व्हेल सदर्न राइट प्रजाति की है.
व्हेलों का इलाका
अर्जेंटीना का यह इलाका व्हेलों की कम से कम चार प्रजातियों का बसेरा है. इनमें ओरका, हंपबैक, सदर्न राइट और ब्लू व्हेल शामिल हैं. विशालकाय व्हेलें यहां अकसर समुद्री किनारों के आस पास दिखाई देती हैं. सैलानी यहां व्हेलदर्शन यात्राएं भी कर सकते हैं.
व्हेलों पर खतरा
व्हेलों का जीवन हालांकि यहां भी कई तरह के खतरे झेल रहा है. अकसर मरी हुई व्हेलें किनारों पर दिखाई देती हैं. जहाजों की आवाजाही, प्रदूषण, बढ़ता तापमान जैसे कई खतरे उनके लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं. पहले एक खतरा शिकार का भी था जो अब बंद हो गया है.