सबसे कमजोर पासवर्ड '123456', भारत में भी आम
१६ नवम्बर २०२३दुनिया भर में 200 सबसे आम पासवर्ड और 35 देशों के बीच तुलना के अलावा, इस साल अध्ययन ने पता लगाया कि लोग विभिन्न सेवाओं के लिए कौन से पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं.
शोध रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में '123456' भारतीयों और दुनिया भर में सबसे आम पासवर्ड था. पासवर्ड प्रबंधन समाधान कंपनी नॉर्डपास के मुताबिक लोगों ने 2023 में अपने स्ट्रीमिंग खातों के लिए सबसे कमजोर पासवर्ड का इस्तेमाल किया.
लोगों के पासवर्ड में ऐसे शब्द भी पाए गए, जो किसी खास स्थान को संदर्भित करते हैं. विश्व स्तर पर इंटरनेट यूजर्स अक्सर देश या शहर के नाम खोजते हैं, और भारत कोई अपवाद नहीं है. 'इंडियाएटदरेट123' देश की सूची में उच्च स्थान पर है.
रिपोर्ट में पाया गया कि 'एडमिन' शब्द इस साल भारत और कई अन्य देशों में सबसे आम पासवर्डों में से एक बन गया है. यह संभावित रूप से उन पासवर्डों में से एक है, जिन्हें लोग बदलने से नहीं घबराते.
कमजोर पासवर्ड से हैकिंग का खतरा
पिछले साल के वैश्विक विजेता 'पासवर्ड' ने इंटरनेट यूजर्स के पासवर्ड को नहीं छोड़ा. भारत में 'पासवर्ड', 'पासएटदरेट123', 'पासवर्डएटदरेट123' और इसी तरह की विविधताएं इस साल सबसे आम पासवर्ड में दिखाई दीं.
इंटरनेट यूजर्स द्वारा विभिन्न प्लेटफार्मों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पासवर्ड के बारे में पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने विभिन्न चोरी करने वाले मैलवेयर द्वारा उजागर किए गए पासवर्ड के 6.6 टीबी डाटाबेस का विश्लेषण किया, जिसे विशेषज्ञ लोगों की साइबर सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा मानते हैं.
नॉर्डपास के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) टॉमस स्मालाकिस के मुताबिक, "सबसे डरावनी बात यह है कि पीड़ितों को यह एहसास भी नहीं हो सकता है कि उनका कंप्यूटर संक्रमित है."
दुनिया के लगभग एक तिहाई (31 प्रतिशत) सबसे लोकप्रिय पासवर्ड पूरी तरह से संख्यात्मक अनुक्रमों से बने होते हैं, जैसे '123456789', '12345', '000000' और अन्य.
शोध रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की वैश्विक सूची में 70 फीसदी पासवर्ड एक सेकंड से भी कम समय में क्रैक किए जा सकते हैं. शोधकर्ताओं ने बेहतर सुरक्षा के लिए प्रमाणीकरण के एक नए रूप में पासकीज का सुझाव दिया है.
स्मालाकिस ने कहा, "यह तकनीक खराब पासवर्ड को खत्म करने में मदद करेगी, इससे उपयोगकर्ता अधिक सुरक्षित हो जाएंगे. हालांकि, हर नवाचार के साथ पासवर्ड समेत प्रमाणीकरण को रातोंरात नहीं अपनाया जाएगा."