2016 में बृहस्पति तक पहुंचेगा नासा
२५ जुलाई २०११नासा के प्रबंधन का कहना है कि रोबोटिक साइंस लैबोटरी 25 नंबवर के लॉन्च के लिए तैयार है. समानता के आधार पर मंगल सौरमंडल में धरती का सबसे ज्यादा करीबी ग्रह है. नासा का रोबोट चालित यान आठ महीने की यात्रा के बाद मंगल की ज्वालामुखी जैसी चट्टान पर उतरेगा. इसके बाद यह मानवरहित विमान कई साल तक चलने वाली आगे की यात्रा पर निकलेगा. नासा का रोवर स्पिरिट नाम का रोबोट 2003 में मंगल पर भेजा गया. रोबोट्स ने वहां से कुछ दिलचस्प जानकारियां भेजी थी. तस्वीरों से उम्मीद लगाई जा रही है कि मंगल में द्रव है. यह द्रव पानी है या कुछ और यह अभी साफ नहीं है. मई 2011 में रोबट से संपर्क कट गया. नासा के मुताबिक स्पिरिट की उम्र पूरी हो चुकी है.
बहरहाल बुधवार को नासा के अधिकारी एजेंसी की बृहस्पति ग्रह से जुड़े अभियान 'जुनो' योजनाओं और तैयारियों पर चर्चा करेंगे. अगस्त में छोड़ा जाने वाला मानवरहित अंतरिक्ष विमान जुलाई 2016 तक हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति की कक्षा में पहुंच जाएगा. उम्मीद है कि बृहस्पति के पास पहुंचने से हमारे सौर मंडल के बारे में कई नई जानकारियां मिलेंगी.
नासा के मुख्य वैज्ञानिक वालिद अब्दालती कहते हैं, "स्पेश शटल की लैंडिंग काफी सुर्खियों में रही. अब बारी है कि इंसान अतंरिक्ष अनुसंधान के नए अध्याय के पन्ने पर जाए. चीजें बदलती हैं, विकसित होती हैं. लेकिन एक चीज बरकरार रहती है, वह है खोज की ललक. जहां इस वक्त हम हैं उससे आगे पहुंचने की ललक. वहां और उसके आसपास क्या है, इसे समझने की ललक." अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने यह घोषणा 30 साल पुराने स्पेस शटल कार्यक्रम के समापन के साथ की है. गुरुवार को नासा का आखिरी अंतरिक्ष यान अटलांटिस फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर पर सफलतापूर्वक उतरा.
मिशन मंगल की तैयारियां का खाका अभी शुरुआती दौर में हैं. लेकिन कई स्पेस शटल कार्यक्रम खत्म होने के बाद कई अमेरिकियों को यह आशंका होने लगी है कि कहीं अमेरिका अंतरिक्ष में अपना वर्चस्व न खो बैठे. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले साल नासा के बजट में भारी कटौती की थी. बजट कम होने से नासा की कई योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई हैं. हालांकि अब ओबामा ने कह रहे हैं कि अमेरिका का लक्ष्य नए स्पेसशिप बनाना है ताकि धरती की कक्षा के आस पास जाने वाले शटल से कहीं आगे पहुंचा जाए. ओबामा अंतरिक्ष यात्रियों को क्षुद्र ग्रहों, मंगल और गहरे अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी की बात कह रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़