वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्सः भारत की रैंकिंग सुधरी, हालात बिगड़े
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने विभिन्न देशों में मीडिया की आजादी का इंडेक्स जारी किया है. भारत की रैंकिंग इस साल थोड़ी सी सुधर गई है.
सबसे ऊपर नॉर्वे
मीडिया की आजादी के मामले में यूरोपीय देश नॉर्वे इस साल भी सबसे ऊपर बना हुआ है. हालांकि उसके यहां भी राजनीतिक दबाव बढ़ा है. पिछले साल उसके अंक 95.18 थे जबकि इस साल 91.89 रहे हैं.
पहले दस स्थान यूरोप में
इंडेक्स में पहले दस स्थानों पर यूरोपीय देश मौजूद हैं. नॉर्वे के बाद डेनमार्क, स्वीडन, नीदरलैंड्स, फिनलैंड, एस्टोनिया, पुर्तगाल, आयरलैंड, स्विट्जरलैंड और जर्मनी का नंबर है.
भारत में हालात और गंभीर
भारत की रैंकिंग दो स्थान बढ़कर 180 देशों की सूची में 159 पर आ गई है. पिछले साल भारत 161वें नंबर पर था. लेकिन उसके अंकों में हर क्षेत्र में गिरावट हुई है. उसका कुल स्कोर 31.28 रहा जो पिछले साल 36.62 था. पाकिस्तान भारत से ऊपर (152) है लेकिन उसकी रैंकिंग दो स्थान गिरी है.
खतरे बढ़े
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का विश्लेषण कहता है कि पूरी दुनिया में अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खतरे बढ़े हैं. पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया में मीडिया पर पाबंदियां सबसे ज्यादा बढ़ी हैं. जॉर्जिया 10 स्थान नीचे खिसक कर 167 पर आ गया है जबकि अजरबैजान की रैंकिंग 13 अंक गिरकर 164 पर आ गई है.
अमेरिका की रैंकिंग गिरी
चुनावी वर्ष में अमेरिका की रैंकिंग में 10 स्थानों की गिरावट दर्ज हुई है और अब वह 55वें नंबर पर है. ब्रिटेन (23) तीन स्थान ऊपर गया है जबकि जर्मनी (10) की रैंकिंग में 11 स्थानों का सुधार हुआ.
रूस और यूक्रेन
यूक्रेन से युद्ध में उलझे रूस की भी हालात बेहद गंभीर हैं. रूस पिछले साल के मुकाबले दो स्थान ऊपर 162 पर है जबकि यूक्रेन 79 से 61 पर आ गया है. उसके कुल अंकों में भी सुधार हुआ है.
सबसे ज्यादा बदलाव
भूटान की रैंकिंग में सबसे ज्यादा गिरावट हुई है. इस साल वह 57 स्थान नीचे गिरकर 147 पर पहुंच गया है. सबसे बड़ा उछाल मॉरितियाना की रैंकिंग में हुआ है. वह 53 स्थान ऊपर उछलकर 33वें नंबर पर आ गया है.
सबसे खराब स्थिति
रैंकिंग में इरिट्रिया (180) सबसे नीचे है. उसके ऊपर सीरिया, अफगानिस्तान, उत्तर कोरिया, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, वियतनाम, बहरीन, चीन और म्यांमार का नंबर है.