एक बार फिर बाढ़ की चपेट में असम
२८ सितम्बर २०२०भारी बारिश के कारण पूर्वोत्तर राज्य असम तीसरी बार बाढ़ की चपेट में आ गया है. पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक इस साल तीसरी बार बाढ़ के कारण नौ जिलों के 2.25 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. एएसडीएमए की रिपोर्ट के मुताबिक, "नौगांव जिले में ही केवल 1.51 लाख लोग प्रभावित हुए हैं जबकि मोरीगांव में 32,700, धेमाजी में 17,000, डिब्रूगढ़ में 11,000 और तिनसुकिया जिले में 9,300 लोग प्रभावित हुए हैं."
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नौगांव, मोरीगांव, पश्चिम कार्बी आंगलांग, धेमाजी, माजुली, शिवसागर, तिनसुकिया और लखिमपुर जिले के 219 गांवों में बाढ़ का पानी 9,948 हेक्टेयर कृषि भूमि को बर्बाद कर चुका है.
ताजा बाढ़ का सबसे ज्यादा असर नौगांव जिले पर पड़ा है. बाढ़ के पानी ने तटबंधो को तोड़ दिया और घरों में जा घुसा. कई गांवों के लोगों को मजबूरी में अपने घरों को छोड़कर ऊंचाई वाले इलाके में जाना पड़ा है. कुछ लोगों ने पानी से बचने के लिए सड़क पर भी पनाह ली है. बताया जा रहा है कि 38 हजार से अधिक पालतू जानवर भी बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं.
राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों में 43 राहत शिविर भी बनाए हैं. असम सिर्फ बाढ़ ही नहीं बल्कि कोरोना वायरस से भी जूझ रहा है. सितंबर और अक्टूबर का महीना भारत में इसलिए भी अहम माना जाता है क्योंकि मलेरिया और डेंगू के मामले भी इसी दौरान तेजी से सामने आते हैं. राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण बोझ और बढ़ने की आशंका है.
इस साल बाढ़ ना केवल भारतीय राज्यों पर कहर बनकर टूटी बल्कि पड़ोसी मुल्क नेपाल और बांग्लादेश में भी इसका कहर दिखा. बाढ़ के कारण तीनों देशों में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा है.
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