26/11 का असर आपसी रिश्तों पर न पड़े: पाक
२४ जनवरी २०११गिलानी ने कहा, "भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू न करने का दबाव है लेकिन हमें मुंबई हमलों का बंधक नहीं बनना चाहिए." गिलानी ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब फरवरी में सार्क बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच मुलाकात की संभावना जताई जा रही है.
वैसे गिलानी ने ज्यादा जानकारी दिए बिना कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भारत के साथ कूटनीतिक स्तर पर प्रयास हो रहे हैं ताकि कश्मीर मुद्दे का समाधान ढूंढा जा सके.
रुकी हुई है बातचीत
जब उनसे समग्र बातचीत प्रक्रिया के शुरू होने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वार्ता शुरू होने की संभावना पचास फीसदी है. 26 नवंबर 2008 को मुबंई में हमलों के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच शांति वार्ता की प्रक्रिया ठहर गई.
भारत पाकिस्तान से मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाने की मांग करता रहा है और पाकिस्तान के रुख से अंसतुष्ट रहा है. जुलाई 2010 में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत के बाद इस दिशा में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है.
अमेरिका में ब्रुकलिन कोर्ट ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शुजात पाशा, आईएसआई के पूर्व प्रमुख नदीम ताज और हाफिज मोहम्मद सईद को समन जारी किए हैं.
ये समन मुंबई हमलों के मामले में जारी किए गए हैं जिसमें दो यहूदियों को मार दिया गया था. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का कहना है कि अपने अधिकारियों का अदालत में बचाव करने का फैसला आईएसआई को करना है और सरकार उनके रुख का पूरा समर्थन करेगी.
गिलानी कह चुके हैं कि कोई भी ताकत आईएसआई प्रमुख को अमेरिकी अदालत में पेश होने के लिए मजबूर नहीं कर सकती. जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान सरकार हाफिज मोहम्मद सईद का बचाव करेगी तो उन्होंने कहा कि इस मामले में फैसला कानून के मुताबिक किया जाएगा.
कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. हाफिज सईद ने लाहौर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा है कि अमेरिकी अदालत में बचाव के लिए संघीय सरकार को उन्हें एक वकील देना चाहिए.
भारत हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी सहित कई लोगों पर मुंबई हमलों की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाता रहा है. मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार