म्यूनिख ओलंपिक हमले के पीड़ितों से जर्मनी ने माफी मांगी
५ सितम्बर २०२२बवेरिया राज्य की राजधानी में सभी सरकारी इमारतों पर लगे झंडे सोमवार, 5 सितंबर को आधे झुके हुए थे. इस्राएली राष्ट्रपति इसाक हरजोग और जर्मन राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी.
इस मौके पर 1972 के म्यूनिख ओलंपिक आतंकवादी हमलों के पीड़ित परिवारों से जर्मनी ने "माफी" मांगी. जर्मनी ने माना है कि उसकी नाकामियों की वजह से 11 एथलीटों की जान गई. जर्मनी की ओर से राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर की यह माफी पीड़ित परिवारों के 50 साल के संघर्ष के बाद आई है.
राष्ट्रपति श्टाइनमायर ने कहा, "जो कुछ हुआ हम उसकी भरपाई नहीं कर सकते, ना ही उन तकलीफों की जो आपने इतने सालों में आलोचना के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता, लापरवाही और अन्याये के कारण झेली. मैं इन सब पर शर्मिंदा हूं. इस देश के राष्ट्रप्रमुख के तौर पर और फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी के नाम पर मैं म्यूनिख में ओलंपिक खेलों के दौरान इस्रायली एथलीटों की सुरक्षा में कमी और उसके बाद स्पष्टता में कमी और वास्तव में उसके बाद जो कुछ भी हुआ उसके लिये आपसे माफी मांगता हूं."
मौके पर मौजूद इस्रायल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग ने श्टाइनमायर की तारफी की और इसे एक, "दिलेर और ऐतिहासिक भाषण" कहा. हरजोग ने कहा, "आधी शताब्दी के बाद यह नैतिकता और पीड़ितों, उनके परिवारों के साथ ही इतिहास के लिये न्याय की दिशा में उठाये एक कदम को दिखाता है."
इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के प्रमुख थॉमस बाख और दूसरे अधिकारी भी मौजूद थे. पीड़ित परिवारों ने पहले तो इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी थी लेकिन मुआवजे पर सहमति बन जाने के बाद वो लोग भी कार्यक्रम में शामिल हुए.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने टोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान पहली बार म्यूनिख ओलंपिक के पीड़ितों को श्रद्धांजलि के लिए कार्यक्रम किया था.
जर्मनी ने कबूली नाकामी की जिम्मेदारी
जर्मन सरकार ने भी पहली बार अपनी नाकामियों की जिम्मेदारी कबूल की है जिनकी वजह से 11 इस्राएली एथलीटों की जान गई. जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने पीड़ितों के परिवार के साथ मुआवजे पर सहमति बनने में 50 साल का समय लगने को भी "शर्मिंदा" करने वाली बात माना है.
इस घटना की आज पचासवीं बरसी पर है. इस मौके पर पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के विशेष कार्यक्रम के लिए इस्राएल के राष्ट्रपति भी जर्मनी आए हैं. एक दिन पहले जर्मन राष्ट्रपति ने रविवार को इस्राएली राष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित भोज के दौरान कहा, "बहुत लंबे समय तक हमने पीड़ितों के दर्द को समझने से इंकार किया है और बहुत लंबे समय तक हम यह भी नहीं मानना चाहते थे कि इसमें हमारी भी कुछ जिम्मेदारी थी. इस्राएली एथलीटों की सुरक्षा तय करना हमारी जिम्मेदारी थी." बीते हफ्ते जर्मनी और घटना में मारे गए 11 एथलीटों के परिवारों के बीच मुआवजे को लेकर सहमति बन गई.
नाकाम बचाव अभियान
5 सितंबर 1972 को आतंकवादी गुट ब्लैक सेप्टेंबर के आठ फलस्तीनी बंदूकधारी ओलंपिक गांव में इस्राएली टीम के फ्लैट में घुस गए. इन्होंने दो लोगों की वहीं गोली मार कर हत्या कर दी और 9 खिलाड़ियों को बंधक बना लिया. पश्चिमी जर्मनी के पुलिस के बचाव अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सभी बंधकों को मार दिया. साथ ही पांच आतंकवादी मारे गए और एक पुलिसकर्मी की भी मौत हुई.
होलोकॉस्ट के 27 साल बाद नए जर्मनी को दिखाने के लिए म्यूनिख ओलंपिक आयोजित किया गया था लेकिन इस घटना ने इस्राएल के साथ संबंधों में एक गहरी दरार बना दी. 2012 में इस्राएल ने इस हत्या से जुड़े 45 आधिकारिक दस्तावेज जारी किए जिसमें जर्मन सुरक्षा सेवा के कामकाज की काफी तीखी आलोचना की गई थी. इसमें इस्राएली खुफिया सेवा के पूर्व प्रमुख जवी जेमीर के आधिकारिक बयान पर भी रिपोर्ट थी जिसमें उन्होंने कहा था कि जर्मन पुलिस ने, "इंसानों की जान बचाने के लिए मामूली कोशिश भी नहीं की."
पीड़ित परिवार दशकों से इस बात के लिए संघर्ष कर रहे हैं कि जर्मनी आधिकार रूप से घटना पर माफी मांगे, सरकारी दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं और शुरुआती मुआवजे के अतिरिक्त उपयुक्त मुआवजा दिया जाए.
एनआर/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)