7-11 साल के बच्चों पर कोविड टीके के प्रयोग की अनुमति
२८ सितम्बर २०२१7-11 साल तक के बच्चों के लिए सीरम अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स के टीके का परीक्षण कर रही है. सीरम इस टीके को भारत में कोवावैक्स के नाम से बना रही है. भारत में करीब डेढ़ साल से बंद स्कूलों को अब धीरे धीरे खोला जा रहा है और बच्चों को भी टीका लगाने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है.
बच्चों के लिए टीके के इस ट्रायल के बारे में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के विशेषज्ञों की एक समिति ने कहा, "विस्तृत चर्चा के बाद समिति ने 7 से 11 साल तक के बच्चों को प्रोटोकॉल के हिसाब से ट्रायल के लिए भर्ती करने की अनुमति देने की अनुशंसा की."
बच्चों के टीकाकरण का इंतजार
सीरम पहले से कोवोवैक्स का 12-17 साल के बच्चों पर परीक्षण कर रही है और शुरुआती 100 सहभागियों के लिए सुरक्षात्मकता का डाटा भी पेश किया है. इस टीके को भारत सरकार की स्वास्थ्य एजेंसियों ने अभी स्वीकृति नहीं दी है.
देश की लगभग 1.4 अरब आबादी में करीब 87 करोड़ वयस्कों को कम से कम पहली खुराक दी जा चुकी है. कुछ दिनों पहले सीरम इंस्टिट्यूट के मालिक अदार पूनावाला ने कहा था कि वो उम्मीद कर रहे हैं कि कोवोवैक्स को 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए अगले साल जनवरी या फरवरी तक अनुमति मिल जाएगी.
अभी तक भारत में 12 साल से बड़े बच्चों को देने के लिए सिर्फ जाइडस कैडिला की डीएनए कोविड-19 वैक्सीन को आपात स्वीकृति दी गई है.
भारत में सुधरते हालात
नोवोवैक्स ने मध्य और कम आय वाले देशों में कोवोवैक्स के उत्पादन के लिए पिछले साल सीरम के साथ लाइसेंस समझौते की घोषणा की थी. सीरम ने कोवोवैक्स के ट्रायल के लिए 10 भारतीय संस्थानों को चुना है.
इस ट्रायल में कुल 920 सहभागी शामिल होंगे. इसके अलावा सीरम रूसी वैक्सीन स्पुतनिक लाइट भी बना रही है और पूनावाला ने कहा है कि उनकी कंपनी भारत में उसका लाइसेंस मिल जाने के बाद उसका व्यावसायिक उत्पादन भी शुरू करेगी.
इस बीच भारत में 28 सितंबर को रोजाना सामने आने वाले कोविड-19 संक्रमण के मामलों में मार्च 2021 के बाद सबसे कम बढ़ोतरी दर्ज की गई. एक दिन में सिर्फ 18,795 नए मामले और 179 मौतें दर्ज की गईं.
(रॉयटर्स से जानकारी के साथ)