9/11 के राहतकर्मियों को भारी मुआवाज़ा
१२ मार्च २०१०न्यू यॉर्क में 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद नष्ट हो चुके वर्ल्ड ट्रेड टावर्स के ग्राउंड ज़ीरो पर राहत और सफ़ाई करने वाले हज़ारों कर्मचारियों के सेहत पर बेहद ख़राब असर पड़ा था और उनकी तबीयत बिगड़ी थी. अब उन्हें मुआवाज़े के तौर पर 65 करोड़ 75 लाख डॉलर यानी लगभग 30 अरब रुपये मिलेंगे.
क़रीब 10,000 फ़रियादियों ने न्यू यॉर्क शहर और उन कंपनियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा ठोंका था, जिन्होंने इन राहतकर्मियों को काम पर लगाया था. राहतकर्मियों, दमकलकर्मियों और पुलिसवालों ने लगभग 90 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा किया था.
याचिका में कहा गया था कि न्यू यॉर्क के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग और दूसरे ज़िम्मेदार प्रतिष्ठानों ने राहतकर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा का इंतज़ाम नहीं किया और न ही उनकी सेहत का ख़्याल रखा गया. अमेरिका के न्यू यॉर्क शहर में 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकवादी हमले में वर्ल्ड ट्रेड टॉवर धराशायी हो गए थे.
इस हमले में 2,700 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि पेंटागन और पेनसिलवीनिया में हुए हमलों में भी कई सौ लोग मारे गए थे. अमेरिका में चार अलग अलग जगहों पर विमानों को अग़वा करके उन्हें बड़ी इमारतों से टकराया गया. न्यू यॉर्क की दोनों ऐतिहासिक इमारतें हमले में नेस्तनाबूद हो गईं, जबकि दूसरे विमानों की टक्कर को वक्त रहते टाल दिया गया.
न्यू यॉर्क के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने इस फ़ैसले को अच्छा बताते हुए कहा कि यह एक जटिल समस्या का अच्छा हल है. न्यू यॉर्क शहर के मेडिकल दल ने इस बात की पुष्टि की थी कि 9/11 के हमलों के बाद ग्राउंड ज़ीरो की सुरक्षा पर तैनात कम से कम दो पुलिसकर्मियों की सांस लेने में तकलीफ़ की वजह से मौत हो गई थी. उस वक्त वहां जल रहे मलबे में काफ़ी मात्रा में एसबेसटस भी था.
रिपोर्टः डीपीए/ए जमाल
संपादनः आभा मोंढे