शोध: हीटवेव के डेंजर जोन में भारत का 90 फीसदी हिस्सा
एक शोध के मुताबिक जलवायु परिवर्तन की वजह से भारत में रहने वाले 80 फीसदी लोगों के लिए लू खतरा बन रही है.
तप रहा है भारत
इस वक्त भारत के ज्यादातर भाग तेज गर्मी और गर्म हवाओं के थपेड़ों से तप रहे हैं. एक शोध में बताया गया है कि इसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है.
लू के प्रभाव में देश का 90 फीसदी हिस्सा
ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण लू लगातार और खतरनाक हो रही है. अब हाल यह है कि भारत का 90 फीसदी हिस्सा लू के प्रभाव से डेंजर जोन में हैं.
शोध में क्या चेतावनी दी गई
ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के रामित देबनाथ और उनके सहयोगियों ने पीएलओएस क्लाइमेट में एक अध्ययन "लीथल हीट वेव्स आर चैलेंजिंग इंडियाज सस्टेनेबल डेवलपमेंट" छापा है. इसमें सुझाव दिया गया है कि लू की आशंका जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ गई हैं. इसकी वजह से सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में भारत की प्रगति बाधित हो सकती है.
दिल्ली के लिए बड़ा खतरा बनेगी लू?
इस शोध में कहा गया है कि हीट इंडेक्स के लिहाज से पूरी दिल्ली डेंजर जोन में है. दिल्ली में अप्रैल महीने में हीटवेव के कारण लोगों को खासी परेशानी हुई थी.
और ज्यादा बढ़ेगी हीटवेव
इस शोध के लेखक लिखते हैं कि भारत में लू की तीव्रता बढ़ रही है. इससे देश के 80 प्रतिशत लोग खतरे में हैं. देश के वर्तमान जलवायु संकट आकलन में इसके बारे में नहीं सोचा गया है. अगर इसका तुरंत समाधान नहीं किया जाता है तो सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में भारत की प्रगति सुस्त पड़ सकती है.
हीटवेव बन रही जानलेवा
16 अप्रैल को महाराष्ट्र के नवी मुंबई में एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान 13 लोगों की हीटवेव से मौत हो गई थी. कई और लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए थे.
लू ज्यादा चलने लगी
भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में लू ज्यादा चल रही है और ज्यादा लंबे समय के लिए चल रही है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह सही समय है कि जलवायु विशेषज्ञ और नीति निर्माता देश के जलवायु संकट का आकलन करने के लिए मेट्रिक्स का पुनर्मूल्यांकन करें.