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समाज

महिलाओं के बिना कैसा होता है एक दिन?

१० मार्च २०२०

मेक्सिको में लाखों महिलाओं ने हिंसा के विरोध में दफ्तर, स्कूल, सरकारी एजेंसियों का बहिष्कार किया. सोमवार को महिलाएं लगातार दूसरे दिन विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुईं.

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BdTD Mexiko Guadalajara - Protest für Gerechtigkeit für Opfer von Gewalt gegen Frauen
तस्वीर: Reuters/M. Freyria

मेक्सिको में मर्दाना संस्कृति और स्त्रियों के प्रति बढ़ती हिंसा के खिलाफ महिलाएं हड़ताल कर रही हैं. इस हड़ताल का नाम महिलाओं ने "हमारे बिना एक दिन" दिया है.

हड़ताल के जरिए यह बताने की कोशिश की है कि अगर महिलाएं समाज से गायब हो जाती हैं तो जीवन कैसा होगा. मेक्सिको और चिली में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बाद से ही बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. अमेरिकी सीमा से लगने वाला उत्तरी मेक्सिकन शहर सिआदाद जुआरेज में फैक्ट्रियों में महिला कर्मचारी काम पर नहीं गईं. ऑटोमेटिक दरवाजों के लिए पार्ट्स बनाने वाली कंपनी के मैनेजर लुईस करिलो कहते हैं, "मैं यह भी नहीं सोचना चाहता हूं कि यह लंबे समय तक चलेगा." यह शहर कई फैक्ट्रियों और प्लांट्स के लिए मशहूर है. वह कहते हैं, "इससे बहुत बड़ा नुकसान होगा." वह महिलाओं के प्रदर्शन को सकारात्मक बताते हुए कहते हैं कि कंपनी अत्यधिक महिला कार्यबल के समर्थन पर गर्व करती है.

मेक्सिको में महिलाओं का काम पर ना जाना विदेश मंत्रालय के दफ्तरों में भी दिखा. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में विदेश मंत्रालय में कर्मचारियों के डेस्क खाली दिखाई पड़ रहे हैं. दफ्तर की कुर्सियों पर लगी पर्चियां महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर दुखा जता रही हैं. पिछले हफ्ते मेक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओब्राडोर ने महिलाओं को यह कहकर गुस्से में ला दिया कि विरोध प्रदर्शनों में रूढ़िवादी और उनकी सरकार के अन्य आलोचकों ने घुसपैठ कर ली है.

Mexiko | Männliche angestellte wärend Frauen streiken "A day Without Woman"
प्रदर्शन का नाम "ए डे विदआउट वुमेन"तस्वीर: Reuters/G. Graf Maldonado

मेक्सिको के एक बड़े अखबार एल यूनिवर्सल में कॉलम लिखने वाली पाउला रोजास ने अपने लेख के लिए खाली जगह छोड़ दी और उसके बदले महिलाओं के प्रदर्शन का समर्थन करते सिर्फ एक हैशटैग का इस्तेमाल किया.

मेक्सिको के अलावा चिली में भी महिलाएं मेडिकल यूनिफॉर्म, कारखाने के कपड़े और स्कूल यूनिफॉर्म में पहुंचकर मार्च में शामिल हुईं. यह महिलाएं राजधानी सेंटियागो में राष्ट्रपति सेबस्टियन पिनेरा के दफ्तर के बाहर विरोध किया. प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने ड्रम बजाए और नारेबाजी की. उन्होंने नारा लगाया, "उनकी हिम्मत कैसे होती है कि वह हमें यातनाएं दे, हमारा बलात्कार होता है और कोई कुछ नहीं करता है?"

राजधानी मेक्सिको सिटी आमतौर पर ट्रैफिक से जाम रहती है, लेकिन वास्तव में भीड़ वाले घंटे में खाली नजर आई. सार्वजनिक परिवहन में महिलाएं नहीं थीं और स्कूल बंद पड़े थे. राष्ट्रपति ओब्राडोर ने कहा है कि सरकारी कर्मचारी हड़ताल में शामिल होने के लिए आजाद हैं. हालांकि कुछ महिलाएं अपनी नौकरी पर आई. उनका कहना है कि वह एक दिन भी नौकरी से छुट्टी नहीं कर सकती हैं. यह विरोध नारीवाद या लिंग-प्रेरित हत्याओं में बढ़ोत्तरी पर केंद्रित है. सरकारी आंकड़े कहते हैं कि इस तरह की हत्याओं में पिछले 5 साल में 137 फीसदी का इजाफा हुआ है. मेक्सिको में कई आपराधिक मामले कभी सुलझ ही नहीं पाते हैं.

एए/ओएसजे (रॉयटर्स)

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