2300 कैदियों को रिहा कर रहा म्यांमार
१ जुलाई २०२१म्यांमार के अधिकारियों का कहना है कि म्यांमार की सरकार ने लगभग 2,300 कैदियों की रिहाई बुधवाार से शुरू कर दी है. रिहाई पाने वाले कैदियों में 1 फरवरी 2021 को म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट का विरोध करने वाले लोग और इस पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों समेत 2300 लोग शामिल हैं.
बुधवार की सुबह यंगून की जेलों से कैदियों से भरी बसें निकलीं. कैदियों की रिहाई के इंतजार में सुबह से ही परिवार और दोस्त इंतजार कर रहे थे. जेल से कैदियों को उस पुलिस स्टेशन ले जाया गया जहां मूल मामला दर्ज किया गया था. इस तरह से कैदियों को थाने ले जाना देश में मानक नियम है.
पत्रकार और अधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई
यंगून जेल के प्रमुख जॉजॉ ने 720 कैदियों की रिहाई की पुष्टि की है. यह जेल दशकों से राजनीतिक कैदियों के लिए मुख्य जेल रही है. देश की मीडिया पर आधिकारिक घोषणाओं के मुताबिक रिहाई पाने वाले ज्यादातर कैदियों पर विरोध करने से संबंधित आरोप लगाए गए थे. म्यांमार दंड संहिता की धारा 505 (ए) के मुताबिक सार्वजनिक अशांति या भय या झूठी खबर फैलाने वाले को तीन साल की सजा हो सकती है.
हालांकि, ऐसा लगता है कि अज्ञात संख्या में लोग इस धारा के तहत जेलों में बंद हैं. ऐसे लोगों की पूरी जानकारी अभी भी उपलब्ध नहीं है. आने वाले दिनों में कई और कैदियों की रिहाई की उम्मीद की जा रही है. सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि 2,296 कैदियों को रिहा किया जा रहा है.
देखें: झंडों, बंदूकों और पहियों से विरोध
उप सूचना मंत्री मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने चीन की शिन्हुआ समाचार एजेंसी को पहले कहा था, ''रिहा किए गए कैदियों में वो शामिल हैं जिन्होंने प्रदर्शन में भाग लिया था लेकिन हिंसा नहीं की थी या दंगों को नहीं भड़काया था.'' एसिसटेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स एक्टिविस्ट समूह के मुताबिक करीब 5,224 लोगों को तख्तापलट के बाद से अब तक सुरक्षाबलों ने अलग-अलग धाराओं में हिरासत में लिया है. ग्रुप राजनीतिक संघर्ष के बाद से ही गिरफ्तार लोगों और मृतकों की सूची तैयार करता है.
जेल से रिहाई की वजह कोरोना?
म्यांमार कोरोना के बढ़ते मामले से भी जूझ रहा है. देश में अब तक 1,55,000 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. भीड़भाड़ की स्थिति जेलों को वायरस के लिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्र बनाती है, हालांकि रिहाई के लिए कोरोना संक्रमण ने खतरे के रूप में अहम भूमिका निभाई है इसपर कोई आधिकारिक बयान नहीं है.
म्यांमार की सेना ने 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट कर दिया था और स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची और उनके सत्तारूढ़ एनएलडी के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था. विद्रोह से पहले, सेना ने सू ची की पार्टी पर पिछले साल के चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था. सू ची पर इस समय अपने अंगरक्षकों के लिए अवैध रूप से वॉकी-टॉकी आयात करने और कोरोना महामारी के नियमों का उल्लंघन करने का मुकदमा चल रहा है.
एए/सीके (एपी)