अमेरिकी राष्ट्रपतियों के चुनाव प्रचार का बोझ लोगों की जेब पर
१२ मई २०२३अपने पूर्ववर्तियों की तरह जो बाइडेन भी एयर फोर्स वन में अमेरिका के एक कोने से दूसरे कोने तक चक्कर लगाएंगे. हर राष्ट्रपति अपने सरकारी और राजनीतिक कर्तव्यों के बीच घालमेल करता है. अपने लिए दूसरा कार्यकाल मांगते समय यह सबसे ज्यादा होता है. ऐसे मौकों पर "सरकारी कार्यक्रम" खासतौर से राजनीतिक लग सकते हैं, जबकि राजनीतिक कार्यक्रम में उस दिन की नीतिगत पहल हो सकती है. राष्ट्रपति के खर्चों में सरकारी और चुनावी हिस्सेदारी को अलग करना आसान काम नहीं है.
जो बाइडेन ने उम्मीदवारी का एलान करने के बाद इस हफ्ते पहली ऐसी यात्रा की. न्यू यॉर्क सिटी में एक सरकारी कार्यक्रम में अपने आर्थिक एजेंडे के बारे में बोलने के बाद वह मैनहट्टन में कुछ चंदा जुटाने वालों से मिले. अपर ईस्ट साइड टाउनहाउस में करीब दो दर्जन दानदाताओं के सामने बाइडेन ने कहा, "मैं काम पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प हूं." इसके बाद फिफ्थ एवेन्यू के एक अपार्टमेंट के विशाल लिविंग रूम में वो अपने और ज्यादा अमीर समर्थकों से मिले. बाइडेन ने कहा, "मैं आपकी मदद के लिए सबको शुक्रिया कहना चाहता हूं. आप लोगों के बगैर मैं यहां नहीं हो सकता था."
राष्ट्रपति का तामझाम
राष्ट्रपति का तामझाम और सुरक्षा तंत्र का घेरा उनके इर्द गिर्द लगातार रहता है. अब वो चाहे सरकारी काम में हों या फिर राजनीतिक काम में. हर छोटी से छोटी ट्रिप के लिए हेलीकॉप्टरों, बख्तरबंद कारों और दूसरी गाड़ियों की जरूरत होती है जो राष्ट्रपति, उनके सहायक, सुरक्षाकर्मी और पत्रकारों को ढोते हैं. लंबे समय से इस विशाल खर्चे का बड़ा हिस्सा करदाताओं के पैसे से चुकाया जाता है. एक छोटा सा हिस्सा बाइडेन के चुनाव अभियान या फिर डेमोक्रैटिक नेशनल कमेटी की तरफ से दी जाती है.
बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान व्हाइट हाउस के एथिक्स लॉयर रहे नॉर्म आइसेन कहते हैं, "यह मानी बात है और इसके लिए कुछ फार्मूले तय किए गए हैं." हालांकि फिर भी यह बहुत साफ नहीं है कि राष्ट्रपति के चुनाव अभियान के लिए यात्रा पर करदाताओं का कितना पैसा खर्च होगा. राष्ट्रपति को ले जाने और उनकी सुरक्षा पर होने वाले बहुत से खर्च गोपनीय हैं. फॉर्मूले के आधार पर भी यह तय करना मुश्किल है कि राष्ट्रपति के चुनाव अभियान पर कितना खर्चा सरकार उठाएगी.
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भुगतान का फॉर्मूला
संघीय नियमों ने गणना के लिए कुछ आधार बनाए हैं. इसमें यह देखा जाता है कि राष्ट्रपति ने कितना समय राजनीतिक और कितना सरकारी कामों में बिताया. इन नियमों के तहत उसी तरह के चार्टर उड़ानों या फिर कारोबारी उड़ानों की तुलना में एयरफोर्स वन जैसी उड़ानों पर ज्यादा खर्च वसूला जाता है.
व्हाइट हाउस का काउंसल विभाग हर यात्रा के लिए यह तय करता है कि इसमें कितना फीसदी काम राजनीतिक है. फिर उसके हिसाब से उसका खर्च वसूला जाता है. हालांकि इसमें अधिकारियों को मेहनत करनी पड़ती है और इसकी एक प्रक्रिया है.
यह दोनों पार्टियों के राष्ट्रपतियों की आदत है कि वो आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ राजनीतिक यात्राओं को भी जोड़ लेते हैं जिससे कि चुनाव अभियान का खर्च बांटा जा सके. हालांकि आधिकारिक कार्यक्रम भी काफी राजनीतिक हो सकता है क्योंकि राष्ट्रपति अपने एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं.
बुधवार को बाइडेन ने अपने आधिकारिक कार्यक्रम का इस्तेमाल "मागा रिपब्लिकनों" की कर्ज सीमा के मुद्दे पर "अर्थव्यवस्था को बंधक बनाने" की कोशिशों के लिए आलोचना की. इसकी वजह से देश पहली बार डिफॉल्ट की स्थिति में पहुंच सकता है.
निगरानी संगठन कॉमन कॉज के विधायी मामलों के वरिष्ठ निदेशक आरॉन शेर्ब कहते हैं कि जब भी सरकार को यात्रा के लिए पैसे वापस करने की बात होती है, "तो यह हमेशा अस्पष्ट मामला होता है कि पैसा कैसे वसूला जाएगा. यह विज्ञान से ज्यादा कला है."
डेमोक्रैटिक पार्टी कैसे देती है पैसा
डेमोक्रैटिक नेशनल कमेटी के पास एक खास एस्क्रो खाता है जहां वह यात्रा खर्च की अदायगी को जमा करती रहती है. आखिर में यह अमेरिका के ट्रेजरी विभाग को जाता है. उदाहरण के लिए अगर बाइडेन चार्ली क्रिस्ट के गवर्नर चुनाव अभियान में फंडरेजर के लिए फ्लोरिडा जाते हैं तो क्रिस्ट का चुनाव अभियान इस खाते में 27,726.95 डॉलर की रकम जमा कर देता है. फिर सीनेट के उम्मीदवार वाल डेमिंग के चुनाव अभियान से भी 23,601.51 डॉलर की रकम इसी खाते में जमा करा दी जाती है.
राष्ट्रपति एक आधिकारिक कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिकों के लिए दवाओं की कीमत घटाने के अपने प्रयासों के बारे में जानकारी देने के बाद इन नेताओं के लिए संयुक्त रैली में हिस्सा लेते हैं. बाइडेन को एयरफोर्स वन और मरीन वन हेलीकॉप्टर से वाशिंगटन से फोर्ट लाउडरडेल और मियामी गार्डेन तक भेजने पर जो खर्च आता है उसका एक बहुत छोटा हिस्सा ही दोनों रकमों को मिलाने से पूरा होता है.
राष्ट्रपति की यात्रा पर कितना खर्च
मरीन वन के नाम से चलने वाले हेलीकॉप्टर पर राष्ट्रपति के सवारी का खर्च 16,700 से 20,000 डॉलर प्रति घंटे तक होता है. ये आंकड़े अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के वित्तीय वर्ष 2022 के हैं. इसी तरह एयर फोर्स वन का खर्च 2 लाख डॉलर प्रति घंटे के उड़ान का है. अभी इसमें सेना के उस कार्गो विमान की उड़ान का खर्च शामिल नहीं है जो राष्ट्रपति की उड़ान से पहले उनकी बख्तरबंद लिमोजिन और दूसरी आधिकारिक गाड़ियों को लेकर जाएगा.
संघीय चुनाव कमेटी के दस्तावेजों के मुताबिक जनवरी 2021 में बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक एस्क्रो अकाउंट में 28 लाख डॉलर जमा किए गए हैं. हालांकि सुस्त सरकारी प्रक्रिया के कारण अब तक सरकार को केवल 133,000 डॉलर ही सरकार के खजाने में पहुंचे हैं.
फिलहाल जो एयरफोर्स वन राष्ट्रपति को उड़ा रहा है वह जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश प्रशासन के दौर का है. उसकी जगह लेने के लिए दो विमान फिलहाल तैयार किए जा रहे हैं. जो बाइ़डेन को अगर दूसरा कार्यकाल मिलता है तब भी इस बात की उम्मीद कम ही है कि उन्हें नए विमानों में सवारी का मौका मिलेगा. इन विमानों के 2027 और 2028 तक डिलीवरी के आसार हैं.
राष्ट्रपतियों पर आरोप लगते हैं
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि बाइडेन, व्हाइट हाउस और उनके प्रचार का खर्च उठाने वाली एजेंसियां संघीय कानूनों और परंपराओं के मुताबिक ही काम करते हैं. हालांकि चुनावी साल में राष्ट्रपति की यात्रा का खर्च अकसर लोगों के निशाने पर होता है. उदाहरण के लिए तत्कालीन स्पीकर जॉन बोएनर ने ओबामा के दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव के दौरान कुछ राज्यों में छात्रों से बात करने की शिकायत की थी.
डॉनल्ड ट्रंप वैसे तो दूसरा कार्यकाल नहीं हासिल कर सके लेकिन उन्होंने यात्रा से जुड़े सारे नियमों का पालन किया था. हालांकि ट्रंप ने दूसरे तरीकों से फायदा उठाने की कोशिश की थी. उदाहरण के लिए उन्होंने एरफोर्स वन और मरीन वन को राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए पृष्ठभूमि के तौर पर इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं वो अपनी रैलियों में जमा समर्थकों में जोश भरने के लिए उनके ऊपर से विमान उड़ाते थे. ट्रंप ने व्हाइट हाउस के एक भाषण के दौरान रिपब्लिकन नॉमिनेशन भी स्वीकार किया. यह संघीय संपत्ति का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए विवादित इस्तेमाल के वर्ग में आता है.
एनआर/एमजे (एपी)