डिमेंशिया से बचने के सात उपाय
अल्जाइमर्स जैसी कई तंत्रिका तंत्र की बीमारियों के होने का कारण हम आज भी नहीं जानते. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि व्यायाम, संतुलित भोजन और मानसिक रूप से चुस्त रहने से इससे बचा जा सकता है.
वजन घटाना
मोटापा डिमेंशिया विकसित होने का एक बड़ा कारण है. इसलिए वजन कम करने और नियमित व्यायाम से रक्त संचार सुधारने से मेटाबोलिज्म बेहतर होगा और डिमेंशिया से भी बचाव होगा.
हेल्दी खाना
ऐसा खाना जिनमें सब्जियों, सलाद और सब्जियों से मिलने वाले फैट की प्रचुरता हो - खून की नलियों पर अच्छा असर डालता है. इससे दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है और बाद में डिमेंशिया होने की संभावना भी हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों से कम होता है.
चहल कदमी जरूरी
शारीरिक गतिविधियां खून की नलियों को सक्रिय रखती हैं इसलिए डिमेंशिया के खिलाफ काम करती हैं. सक्रिय रहना सीधे तौर पर तंत्रिका तंत्र पर अच्छा असर डालता है. यही तंत्र पूरे शरीर पर नियंत्रण रखता है और याददाश्त को भी सुरक्षित रखता है.
बुराइयों से दूरी
सिगरेट पीने वालों को पता होगा कि इसे छोड़ना कितना कठिन है. लेकिन यह सच है कि निकोटीन तंत्रिका तंत्र के लिए जहर के समान है. इससे रक्त संचार प्रभावित होता है क्योंकि खून कम से कम ऑक्सीजन दिमाग तक पहुंचाने लगता है. जाहिर है इससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है.
शराब को ना
अल्कोहल तो है ही नर्व एजेंट यानि इसकी ज्यादा मात्रा सीधे दिमाग पर ही बुरा असर डालती है. कम मात्रा में लेने पर भी ये डिमेंशिया का खतरा बढ़ाती ही है. इससे शरीर के आवश्यक अंगों को भी नुकसान पहुंचता है.
ब्लड प्रेशर पर नजर
डिमेंशिया से बचने का एक तरीका ब्लड प्रेशर को सीमा में रखना है. खेल कूद करने से ब्लड प्रेशर कम रहता है. इससे बात ना बने तो दवा लेकर भी बीपी को स्वस्थ रेंज में रखा जा सकता है. डॉक्टर से संपर्क करें.
मानसिक कसरत
किसी भी तरह से अपने दिमाग को सक्रिय रखना जरूरी है. इसके लिए हमेशा पहेलियां बुझाते या नई चीजें रटना ही जरूरी नहीं. समाज में लोगों से संपर्क बनाए रखना, मिलना जुलना और बातें करना कहीं ज्यादा जरूरी है. इससे याददाश्त दुरुस्त रहती है और रिश्ते भी बने रहते हैं. (फाबियान श्मिट/आरपी)