इस कोरियर कंपनी में ड्राइवर की सैलरी 1.4 करोड़ रुपये होगी
९ अगस्त २०२३अमेरिका की बड़ी कोरियर कंपनी यूपीएस ने कहा है कि इस साल उसका मुनाफा तय किए गए आंकड़े से कम होगा. कंपनी के अमेरिका के कर्मचारियों के वेतन में हुई बढ़ोतरी इसकी वजह होगी.
यूपीएस ने कहा कि कंपनी के एक औसत फुल-टाइम ड्राइवर को पांच साल बाद करीब 1.7 लाख डॉलर सालाना सैलरी मिल रही होगी. भारतीय रुपयों में फिलहाल यह रकम करीब 1.4 करोड़ रुपये होती है. इसमें स्वास्थ्य बीमा और अन्य सुविधाओं का खर्च भी शामिल है. अभी यह 1.45 लाख डॉलर है. पिछले 40 सालों में अमेरिका में सबसे ज्यादा गंभीर महंगाई के दौर के बाद यह फैसला किया गया है.
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यूनियन ने दी थी हड़ताल की धमकी
अमेरिका में पिछले जून के मुकाबले इस जून में चीजों के दाम 3 फीसदी बढ़ गए हैं. इससे पहले के साल में यह 9 फीसदी बढ़ी थी. जब चीजों के बढ़ते दाम घरेलू बजट पर दबाव डाल रहे हैं, ऐसे में पूरे अमेरिका में कर्मचारी यूनियन की हड़ताल देखने को मिल रही है. हाल ही में स्टारबक्स में हड़ताल हुई थी. पिछले दिनों यूपीएस के कर्मचारियों की टीमस्टर्स यूनियन ने भी ऐसी हड़ताल की धमकी दी थी. जिसके बाद यूपीएस को भारी घाटा उठाना पड़ा. ग्राहकों ने रोजाना के हिसाब से अपने 10 लाख पैकेट पीएस के बजाए दूसरी कोरियर कंपनियों के जरिए भेजे. कंपनी की सेल्स में 20 करोड़ डॉलर का घाटा हुआ.
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यूपीएस ने बताया है कि इसके बाद ही उसने टीमस्टर्स यूनियन के साथ यह समझौता किया. जिस पर कर्मचारी इस महीने वोटिंग के जरिए मुहर लगा सकते हैं. कंपनी का मुनाफा कम करने में इस समझौते की भी भूमिका रहोगी. कंपनी को आशा है कि इसके बाद कंपनी का मुनाफा, मई में अनुमानित 12.8 फीसदी के बजाए घटकर 11.8 फीसदी रह जाएगा. हालांकि इसमें कमजोर होती अर्थव्यवस्था के चलते काम में आती कमी की भी भूमिका होगी.
सबसे बड़े यूनियन वाली कंपनी
अमेरिका में यूपीएस कंपनी के सबसे ज्यादा कर्मचारी यूनियन के सदस्य हैं. यह यूनियन के तहत आने वाली सबसे बड़ी कंपनी है. सिर्फ कंपनी की टीमस्टर्स यूनियन के तहत 3 लाख कर्मचारी हैं. यह अपने कर्मचारियों को अच्छा वेतन देने के लिए भी जानी जाती है. इस कंपनी के ट्रक चालकों की प्रति घंटे के हिसाब से 40 डॉलर की कमाई कई बार राष्ट्रीय सुर्खियों में छाई रहती है.
समझौते में पार्ट-टाइम ट्रक चालकों को भी 21 डॉलर प्रति घंटे की सैलरी देना, मार्टिन लूथर जूनियर डे को छुट्टी मानना, काम की परिस्थितियों में सुधार और नए डिलिवरी वाहनों में एसी लगे होने के वादे भी शामिल हैं.
महंगाई और बढ़ने का डर
यूनियन के नेताओं ने समझौते की तारीफ की है. एमेजॉन और अन्य कंपनियों के कर्मचारियों ने भी इस बढ़ोतरी की ओर इशारा करते हुए, सैलरी बढ़ाने की मांग शुरू कर दी है.
हालांकि अर्थशास्त्री सैलरी में इस बढ़ोतरी को संदेह की नजरों से देख रहे हैं. उनका मानना है कि महामारी के बाद चीजों की आपूर्ति में आई गड़बड़ी और यूक्रेन युद्ध से पहले से ही बढ़ी महंगाई को सैलरी में होने वाली बढ़ोतरी और बढ़ा सकती है.