चीनी सेना की अहम रॉकेट फोर्स से कई अफसर बर्खास्त
१ जनवरी २०२४पिछले हफ्ते चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के नौ वरिष्ठ अफसरों को बर्खास्त कर दिया गया. सरकारी मीडिया के मुताबिक राष्ट्रीय संसद ने शुक्रवार को नौ अफसरों की बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी. अब आगे की कार्रवाई में इन जनरलों को और कड़ी सजा भी हो सकती है.
बर्खास्त हुए ज्यादातर अफसर पीएलए की शाखा रॉकेट फोर्स से हैं. तीन रॉकेट फोर्स के पूर्व कमांडर या वाइस कमांडर हैं. एक पूर्व वायु सेना प्रमुख और एक नेवी कमांडर है जो दक्षिणी चीन सागर के लिए जिम्मेदार है. चार अफसर उपकरणों के लिए जिम्मेदार हैं. रॉकेट फोर्स पीएलए की एक बहुत अहम शाखा है जिसकी जिम्मेदारी रणनीतिक और परमाणु मिसाइलों की निगरानी है.
शी के लिए झटका
विश्लेषक मानते हैं कि पीएलए में ऐसा होना चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए बड़ा झटका है क्योंकि पिछले कुछ समय से वह लगातार सेना को आधुनिक और ज्यादा ताकतवर बनाने की कोशिशों में जुटे हैं. शी अपनी सेना को 2050 तक ‘विश्व स्तरीय' बनाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अरबों डॉलर का निवेश किया है.
2012 में सत्ता संभालने के बाद से शी ने कम्यूनिस्ट पार्टी और सरकारी अधिकारियों में फैले भ्रष्टाचार पर बेहद सख्ती दिखाई है. इनमें पीपल्स लिबरेशन आर्मी खासतौर पर उनके निशाने पररही है.
चीन ने यह नहीं बताया है कि जनरलों को क्यों हटाया गया है लेकिन कुछ विश्लेषक कहते हैं कि जो सबूत मुहैया हैं वे पीएलए रॉकेट फोर्स में उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार की ओर संकेत करते हैं.
गहरी हैं जड़ें
युनाइटेड स्टेट्स इंस्टिट्यूट फॉर पीस में चीनी मामलों के विशेषज्ञ एंड्रयू स्कोबेल कहते हैं कि स्पष्ट संकेत है कि जनरलों को बर्खास्त किया जा रहा है. सिंगापुर के ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में एसोसिएट प्रोफेसर एल्फ्रेड वू कहते हैं, "कई और लोगों को हटाया जाएगा. रॉकेट फोर्स पर केंद्रित बर्खास्तगी का यह सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ है.”
कभी रॉकेट फोर्स के प्रमुख रहे और उसके बाद रक्षा मंत्री बने वाई फेंग भी बहुत समय से लापता हैं. वाई फेंग की जगह रक्षा मंत्री ली शांगफू को भी अक्टूबर में अचानक ही हटा दिया गया था और उसकी कोई वजह भी नहीं बताई गई थी. हटाए जाने से पहले वह भी महीनों से लापता थे. शांगफू भी उपकरण खरीद विभाग के अध्यक्ष रह चुके थे और शुक्रवार को जिन नौ अफसरों को हटाया गया है उनमें से एक उन्हीं का डिप्टी था.
विश्लेषकों का मानना है कि चीन की सेना में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है लेकिन रॉकेट फोर्स के अफसरों की बर्खास्तगी एक बड़ा झटका है. अमेरिका की जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में इनिशिएटिव फॉर यूएस चाइना डायलॉग ऑन ग्लोबल इश्यूज में सीनियर फेलो डेनिस वाइल्डर कहते हैं, "पीएलए के इस हिस्से में नियुक्ति के लिए वरिष्ठ अफसरों की सबसे ज्यादा सख्त जांच होती है क्योंकि उन पर देश के परमाणु हथियारों की देखरेख की जिम्मेदारी होती है. और इस मामले में किसी इकलौते आदमी की बात नहीं है बल्कि कई वरिष्ठ अफसर शामिल हैं.”
कमजोर हुआ चीन
इस बर्खास्तगी का नतीजा यह हो सकता है कि अस्थायी तौर पर रॉकेट फोर्स कम से कम तब तक कमजोर रहेगी जब तक कि शी सब कुछ ठीकठाक नहीं कर पाते.
वॉशिंगटन के एक थिंक टैंक स्टिम्सन सेंटर में चाइना प्रोग्राम के डायरेक्टर युन सुन कहते हैं, "रणनीतिक परमाणु शक्ति चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा की अंतिम पंक्ति है और ताइवान मामले मेंआखिरी विकल्प भी है. चीन को इस अव्यवस्था को ठीक करने और रॉकेट फोर्स पर भरोसा वापस लाने में काफी समय लगेगा. इसका अर्थ है कि फिलहाल चीन एक कमजोर स्थिति में है.”
हालांकि सुन का मानना है कि राष्ट्रपति शी की सेना में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम एक "कभी ना खत्म होने वाला” काम है.
वीके/एए (रॉयटर्स)