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आपदाअफ्रीका

स्कूल की डॉर्मिटरी में लगी आग से 17 बच्चों की मौत

७ सितम्बर २०२४

केन्या के एक प्राइमरी स्कूल की डॉर्मिटरी में लगी आग ने 17 बच्चों की जान ले ली. खबर लिखे जाने तक कई बच्चे लापता हैं और उनके मां बाप बदहवासी में उन्हें तलाश रहे हैं. स्कूल डॉर्मिटरी में 150 बच्चे सो रहे थे.

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आग में जली हुई स्कूल के डॉर्मिटरी की दीवारें
स्कूल की डॉर्मेटरी में जब आग लगी तब वहां 150 बच्चे सो रहे थे, आग के कारण का पता नहीं लगा हैतस्वीर: AP Photo/picture alliance

केन्या के उप राष्ट्रपति रिगाथी गाछागुआ ने शुक्रवार को घटनास्थल पर पत्रकारों से कहा कि 70 बच्चों का अब तक पता नहीं चला है. सेंट्रल न्येरी काउंटी में एक पहाड़ पर बनी एंदाराषा अकेडमी की डॉर्मिटरी में गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात आग लगी. वहां 150 बच्चे सो रहे थे. दुर्घटना में अब तक 17 बच्चों की जान जा चुकी है और 14 बच्चे घायल हैं. घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. राष्ट्रपति विलियम रुतो ने तीन दिन के राजकीय शोक का एलान किया है जो सोमवार से शुरू होगा.

कहां गए लापता बच्चे

लापता बच्चों के बारे में गाछागुआ ने कहा कि 70 बच्चों का अब तक पता नहीं चला है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी मौत हो गई है या फिर वे घायल हैं. गाछागुआ का कहना है कि बहुत से बच्चों को उनके रिश्तेदार ले गए हैं या फिर स्थानीय समुदायों ने अपने पास रखा है.

केन्या के प्राइमरी स्कूल में आग के बाद बचाव और राहत के काम में जुटे राहतकर्मी
स्कूल की डॉर्मिटरी में आग गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात को लगी, बचावकर्मियों का दल शवों की पहचान करने में जुटा हैतस्वीर: Simon Maina/AFP

राष्ट्रपति रुतो ने एक बयान जारी कर कहा है, "मैं वादा करता हूं कि जो मुश्किल सवाल पूछे जा रहे हैं कि यह हादसा कैसे हुआ और क्यों समय से कदम नहीं उठाए गए, उनका उत्तर मिलेगा, पूरी तरह से, साफ तौर पर और बिना किसी भय या पक्षपात के." रुतो का यह भी कहना है, "सभी संबंधित लोग और संस्थाओं की जिम्मेदारी तय होगी और इस तरह का हादसा दोबारा कभी हमारे सामने ना आए यह सुनिश्चित करने के लिए जो  कुछ भी संभव है, किया जाएगा."

भारत के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल

उपराष्ट्रपति गाछागुआ ने बताया कि डीएनए का इस्तेमाल कर जांच करना काफी मुश्किल काम होगा. पीड़ितों के जले हुए शवों की पहचान करना बेहद कठिन है. जली हुई डॉर्मिटरी में बच्चों के शवों को देख मां-बाप और परिजन फूट-फूट कर रो पड़े.

कैसे लगी स्कूल में आग

आग लगने का कारण अब तक पता नहीं चल सका है. हालांकि केन्या के नेशनल जेंडर एंड इक्वलिटी कमीशन का कहना है कि डॉर्मिटरी में "सुरक्षा मानकों की अवहेलना और जरूरत से ज्यादा भीड़" थी. आयोग ने इस मामले की तुरंत जांच की मांग की है. केन्या की रेड क्रॉस संस्था का कहना है कि वह घटना स्थल पर मल्टी एजेंसी रिस्पांस टीम के साथ मौजूद है और मनोवैज्ञानिक सहायता मुहैया करा रही है.

केन्या का हिलसाइॉ एंदराशा प्राइमरी स्कूल, जिसकी डॉर्मेटरी में आग लगी
स्कूल में आग की खबर फैलने के बाद वहां बच्चों के परिवार के लोग जमा हो गए, बच्चों के शव देख कर मां-बाप रोने लगेतस्वीर: Simon Maina/AFP

समाचार एजेंसी एएफपी के वीडियो में मोटे तौर पर लकड़ी से बनी डॉर्मेटरी की काली दीवारें और पूरी तरह से ढह चुकी लोहे की नाली वाली छत को देखा जा सकता है. पुलिस ने पूरी इमारत को सील कर दिया है.

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राजधानी नैरोबी से करीब 170 किलोमीटर दूर अर्ध-ग्रामीण इलाके में मौजूद इस स्कूल में 800 बच्चे पढ़ते हैं. केन्या और पूर्वी अफ्रीका में कई बार स्कूलों में आग लग चुकी है. 2016 में नैरोबी के किबेरा में लड़कियों के स्कूल में लगी आग में 9 छात्राओं की मौत हुई थी. इसी तरह केन्या के माचाकोस इलाके के सेकेंडरी स्कूल की डॉर्मिटरी में साल 2001 में आग लगी थी. इसमें 67 छात्रों की जान गई थी. 1994 में तंजानिया के किलिमंजारो में लड़कियों के स्कूल में लगी आग में 40 छात्रों की मौत हुई.

एनआर/आरएस (एएफपी)