सेना: जम्मू-कश्मीर में 300 आतंकी सक्रिय
२३ नवम्बर २०२२उत्तरी कमान के जनरल कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के रद्द होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति में एक बड़ा बदलाव आया है और आतंकवादी गतिविधियों पर काफी हद तक काबू किया गया है.
कश्मीर: आतंकी संगठन की धमकी के बाद पत्रकारों का इस्तीफा
भारत जम्मू-कश्मीर को देश का अभिन्न अंग मानता है और पाकिस्तान के साथ दशकों से इस विवादित क्षेत्र को लेकर तनाव बरकार है. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हमारे आंकड़ों के अनुसार 82 पाकिस्तानी और 53 स्थानीय आतंकवादी सक्रिय हैं." उन्होंने कहा लगभग 170 अज्ञात आतंकवादी भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं.
नई दिल्ली लंबे समय से पाकिस्तान पर भारत के क्षेत्र के अलगाववादी समूहों के साथ-साथ सशस्त्र आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाता आया है. जबकि इस्लामाबाद भारत के इन आरोपों को यह कहते हुए खारिज करता रहा है कि वह अलगाववादी आंदोलनों को केवल कूटनीतिक और नैतिक समर्थन देता है.
पाकिस्तान का आरोपों से इनकार
पाकिस्तान के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, "भारतीय सैन्य अधिकारियों द्वारा इस तरह के सभी आरोप पूरी तरह से बेतुके, निराधार और बेबुनियाद हैं."
एक भारतीय सुरक्षा अधिकारी जो मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं होने के कारण नाम नहीं बताते हुए कहा कि यह एक दशक में भारतीय कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की सबसे अधिक संख्या है.
5 अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य दर्जा वापस ले लिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान किया गया है जबकि लद्दाख में विधानसभा का प्रावधान नहीं है.
केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 और धारा 35ए हटाने के पीछे तर्क दिया था कि इससे आतंकवाद खत्म होगा, राज्य में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद राज्य में महीनों तक कड़ी पाबंदियां लगाई गईं और इंटरनेट सेवा लंबे समय तक ठप्प कर दी गई. यहीं नहीं केंद्र ने वहां भारी सुरक्षाबलों की तैनाती भी की थी.
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रिकॉर्ड संख्या में पहुंच रहे पर्यटक
हालांकि अब कई पाबंदियां वापस ले ली गईं हैं और अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर जम्मू-कश्मीर के पर्यटक स्थलों ने काफी लोगों को अपनी ओर खींचा. इस साल रिकॉर्ड 1.6 करोड़ पर्यटक कश्मीर घूमने गए जो कि ब्रिटिश शासन के बाद सबसे ज्यादा है.
जनरल द्विवेदी ने कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद सुरक्षा स्थिति बदली है लेकिन हथियार और गोला बारूद अभी भी सीमा पार से आ रहे हैं.
प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाकर किए जा रहे हमले के बारे में जनरल द्विवेदी ने कहा, "छोटे हथियारों का इस्तेमाल गैर जम्मू-कश्मीर के निवासियों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है जो यहां अपनी जीविका कमाने के लिए यहां आते हैं."
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सीमा के इस तरफ बड़ी मात्रा में ड्रग्स भेजा जा रहा है और पिछले साल जून में घाटी के बारामूला जिले में 47 करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन जब्त की गई थी.
रिपोर्ट: आमिर अंसारी (रॉयटर्स से जानकारी के साथ)