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पाकिस्तान में ट्रेंड करते अटल बिहारी वाजपेयी

९ अप्रैल २०२२

अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से बचने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करते इमरान खान कई बहाने बना रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का एक भाषण ट्रेंड कर रहा है.

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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
तस्वीर: AFP via Getty Images

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के मुताबिक, इमरान खान के भारत की तारीफ करने वाले बयानों और अविश्वास प्रस्ताव से बचने की कोशिशों के बीच बड़ा विरोधाभास है. जियो टीवी पर हामिद मीर ने कहा कि, "इमरान खान को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से सीखना चाहिए. वाजपेयी साहब को जब पता चला कि उनकी सरकार एक वोट से गिर रही है, वे तभी राष्ट्रपति के पास गए और अपना इस्तीफा दे दिया. इमरान खान साहब भारत की इतनी तारीफ कर रहे हैं, तो वे इन चीजों पर क्यों अमल नहीं कर रहे हैं."

1999 में बीजेपी के नेता अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार संसद में एक वोट से गिर गई थी. उस दौरान अविश्वास प्रस्ताव में वाजपेयी ने ये भाषण दिया था. पिछले साल तक भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना हिटलर से करने वाले इमरान खान अब लगातार भारत की तारीफ कर रहे हैं. वह कह रहे हैं कि पाकिस्तान को भारत से सीखना चाहिए कि किसी महाशक्ति के दबाव में आए बिना कैसे विदेश नीति चलाई जा सकती है.

मार्च 2021 में भी इमरान खान विश्वास मत खोते-खोते बचे थे. लेकिन हाल के दिनों में इमरान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ को समर्थन देने वाली कुछ पार्टियों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए संसद के निचले सदन- नेशनल असेंबली में 172 सांसदों का समर्थन होना चाहिए. इमरान खान की पार्टी के पास 155 सीटें हैं. लेकिन बीते एक महीने में खुद इमरान की पार्टी के कुछ नेता भी विपक्ष के साथ जाने का एलान कर चुके हैं.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खानतस्वीर: Saiyna Bashir/REUTERS

इमरान खान ने अब क्यों की भारत की तारीफ?

मार्च के आखिर में यह तकरीबन तय हो गया था कि इमरान खान सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव आएगा और सरकार गिर जाएगी. लेकिन तभी डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने स्पीकर की सहमति से अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद पांच का उल्लंघन करार देते हुए खारिज कर दिया. इसके बाद राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने भी इमरान खान की सिफारिश पर संसद को भंग करने का फैसला किया.

डिप्टी स्पीकर और राष्ट्रपति के फैसलों के खिलाफ विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए, सरकार को अविश्वास मत का सामना करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 5-0 से डिप्टी स्पीकर और राष्ट्रपति के फैसले को संविधान का उल्लंघन करार देते हुए खारिज कर दिया था.

पाकिस्तान में संसद भंग, विपक्ष पहुंंचा सुप्रीम कोर्ट

शनिवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव आया लेकिन कुछ देर की कार्रवाई के बाद ही स्पीकर असद कैसर ने फिर से कार्रवाई को कई घंटे के लिए टाल दिया. इमरान खान की पार्टी कहती रही कि पहले वह सरकार गिराने के पीछे छुपी विदेशी साजिश के बारे में विस्तार से बताएगी, फिर वोटिंग होगी. विपक्ष ने इसे बहानेबाजी बताते हुए वोटिंग की मांग की.

ओएसजे/आरएस (रॉयटर्स, एएफपी)