भारत में मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति 34 करोड़
भारत में मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति करीब 34 करोड़ है और 30 में से 13 मुख्यमंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 30 मुख्यमंत्रियों के हलफनामों से जुटाई है.
लगभग सभी मुख्यमंत्री करोड़पति
मुख्यमंत्रियों के हलफनामों के मुताबिक, 30 में से 29 मुख्यमंत्री करोड़पति हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी 510 करोड़ संपत्ति के साथ सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं. उनके प्रदेश में आज भी 12 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं.
मुख्यमंत्री अमीर, जनता गरीब
धनी मुख्यमंत्रियों में दूसरे नंबर पर हैं अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (163 करोड़). उनके राज्य में 24 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. तीसरे नंबर पर हैं ओडिशा के नवीन पटनायक (63 करोड़). उनके प्रदेश में 29 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीब हैं.
सबसे कम संपत्ति वाले
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हलफनामे के मुताबिक उनके पास सिर्फ 15 लाख मूल्य की संपत्ति है. दो और मुख्यमंत्रियों की संपत्ति बाकियों के मुकाबले कम है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक-एक करोड़ की संपत्ति घोषित की है.
शिक्षा
30 में से 11 मुख्यमंत्री (37 प्रतिशत) ग्रैजुएट हैं. नौ मुख्यमंत्री (30 प्रतिशत) पोस्ट ग्रैजुएट हैं. एक मुख्यमंत्री के पास डॉक्टरेट भी है. चार (14 प्रतिशत) ग्रैजुएट प्रोफेशनल हैं, तीन 12वीं पास हैं और सिर्फ एक 10वीं पास है.
आपराधिक मामले
30 में से 13 (43 प्रतिशत) मुख्यमंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन सभी के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण जैसे गंभीर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. इनमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सबसे आगे हैं.