नहीं बचाई जा सकी नदी में फंसी बेलुगा व्हेल
१० अगस्त २०२२चार मीटर लंबी और 800 किलोग्राम वजनी बेलुगा व्हेल अगस्त की शुरूआत में फ्रांस की सैन नदी में दिखी. ज्यादातर समय वह एक ही जगह पर पानी में उलटी तैरती दिखी. महासागर में रहने वाले इस विशाल स्तनधारी जीव के नदी में आने पर वैज्ञानिकों को बड़ी हैरानी हुई. वयस्क होने के बावजूद यह बेलुगा व्हेल बहुत कमजोर हो चुकी थी. आम तौर पर स्वस्थ्य व्यस्क बेलुगा का वजन कम से कम 1200 किलो होता है.
कुछ दिनों की निगरानी के बाद 9 अगस्त को फ्रांस के अधिकारियों ने बेलुगा को रेस्क्यू कर उत्तरी महासागर तक पहुंचाने का फैसला किया. मंगलवार देर शाम से बुधवार सुबह चार बजे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान व्हेल को एक नेट में लपेटा गया. फिर नेट में लिपटी व्हेल को क्रेन की मदद से नदी से बाहर निकाला गया. इसके बाद डॉक्टरों की निगरानी में उसे एक रेफ्रिजेरेटेड ट्रक में रखकर हौले हौले उत्तरी सागर की तरफ ले जाया रहा था. समंदर से कुछ किलोमीटर पहले बेलुगा व्हेल को कमजोरी के कारण सांस लेने में परेशानी होने लगी.
इसके बाद पशु चिकित्सकों ने बेलुगा को मारने का फैसला किया. रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल एक स्थानीय अधिकारी ने कहा, "अभूतपूर्व बचाव अभियान के बावजूद, हमें बड़े दुख के साथ हमें इस समुद्री स्तनधारी की मौत का एलान करना पड़ रहा है."
पहले योजना थी कि कमजोर हो चुकी व्हेल को रिकवरी के लिए कुछ समय दिया और उसके बाद समंदर तक पहुंचाया जाए. लेकिन इस प्लान में बहुत जोखिम था. बेलुगा व्हेल आम तौर पर आर्कटिक और सब आर्कटिक के बर्फीले पानी में रहती है. नदी के गुनगुने और मीठे पानी ने खारे पानी की व्हेल की हालत बहुत खराब कर दी थी.
मरीन कंर्जवेशन ग्रुप, सी शेपर्ड फ्रांस रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल था. ग्रुप का का कहना है कि सैन नदी में छोड़ने पर भी उसकी मौत तय थी. अगर ऐसा होता तो ज्यादा अफसोस होता. सी शेपर्ड फ्रांस ने अपने बयान में कहा, "यह ऑपरेशन जोखिम भरा था, लेकिन भारी संकट में फंसे जीव को एक मौका देने के लिए जरूरी था."
हाल के बरसों में ब्रिटेन और फ्रांस की नदियों में दो तीन बार बड़े समुद्री जीव दिखाई पड़े हैं. ऐसा क्यों हो रहा है, इसका जवाब अभी तक किसी के पास नहीं है.
ओएसजे7एनआर (एएफपी, डीपीए)