तेल उत्पादन में कटौती पर बाइडेन की सऊदी को चेतावनी
१२ अक्टूबर २०२२अमेरिका की आपत्तियों के बावजूद पिछले हफ्ते तेल उत्पादन में कटौती के ओपेक प्लस के फैसले पर जो बाइडेन ने मंगलवार को कहा कि इस फैसले का सऊदी अरब के अमेरिकी संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
बाइडेन के बयान से एक दिन पहले, सीनेट की विदेश संबंधी समिति के अध्यक्ष डेमोक्रेटिक सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने कहा था कि अमेरिका को सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री समेत अपने सभी सहयोग को तुरंत रोक देना चाहिए.
बाइडेन ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि वे किन विकल्पों पर विचार कर रहे हैं उस पर चर्चा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि अमेरिका के लिए सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है.
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बाइडेन को गुस्सा क्यों आया?
राष्ट्रपति बाइडेन के बयान से पहले व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने ओपेक प्लस के तेल उत्पादन में 20 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने के फैसले को "अदूरदर्शी" बताया था. उन्होंने कहा था, "इससे रूस को फायदा होगा जब इस समय कोई नहीं चाहता कि व्लादिमीर पुतिन को लाभ पहुंचे." रूस भी ओपेक प्लस समूह का सदस्य है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन पिएर ने कहा कि एक नीति समीक्षा की जाएगी, लेकिन पुनर्मूल्यांकन का नेतृत्व कौन करेगा, इस पर कार्रवाई या जानकारी के लिए कोई समयरेखा नहीं दी. उन्होंने कहा अमेरिका "आने वाले हफ्तों और महीनों में" स्थिति को करीब से देखेगा.
किर्बी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ओपेक प्लस के फैसले से निराश हैं और वह सऊदी अरब के साथ संबंधों के बारे में सोचने के लिए कांग्रेस के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.
ओपेक प्लस ने पिछले हफ्ते अमेरिकी अधिकारियों की लॉबिंग के खिलाफ जाकर तेल उत्पादन में कटौती की योजना की घोषणा की थी. अमेरिका ने सऊदी अरब पर रूस के सामने झुकने का आरोप लगाया है. अमेरिका का आरोप है कि सऊदी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी कर रूस की मदद कर रहा है.
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नहीं माने मोहम्मद बिन सलमान?
अमेरिकी अधिकारी चुपचाप अपने सबसे बड़े अरब साझेदार को उत्पादन में कटौती के विचार को खत्म करने के लिए मनाने की कोशिश करते रहे, लेकिन वे सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को प्रभावित नहीं कर पाए.
जुलाई में बाइडेन ने जेद्दाह में मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी. साल 2018 में पत्रकार जमाल खशोगी के इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी. बाद में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने पाया कि संभवत: क्राउन प्रिंस ने ही उनकी हत्या को मंजूरी दी थी. हालांकि सऊदी अरब ने इस आरोप से इनकार किया था.
सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि उनके देश और अमेरिका की "रणनीतिक साझेदारी" है. उन्होंने कहा ओपेक प्लस का फैसला पूरी तरह से आर्थिक आधार पर किया गया था.
एए/सीके (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)