नकली हाथ से गर्म-ठंडा भी महसूस होगा
नकली अंगों में अब तक एक कमी थी कि उनसे कुछ महसूस नहीं होता था. नई तकनीक ने यह कमी दूर कर दी है.
ठंडा-गर्म महसूस करने वाले नकली अंग
ईकोल पोलिटेक्निक फेडराल डे लूसान (EPFL) नाम की कंपनी ने बायोनिक अंगों में तापमान की अनुभूति के लिए एक नई तकनीक विकसित की है.
28 लोगों पर परीक्षण
इस तकनीक का 28 लोगों पर परीक्षण किया गया. उनमें से एक फाबरित्सियो फिदाती ने कहा, “पहली बार जब मैंने प्रयोग में हिस्सा लिया तो ऐसा लगा कि मैंने अहसास को फिर से पा लिया है.“
कैसे काम करती है तकनीक
जेनेवा में शोधकर्ताओं ने नकली अंगों में थर्मल इलेक्ट्रोड लगाए हैं जिनके साथ त्वचा पर सेंसर लगाए जाते हैं. ये इलेक्ट्रोड तापमान की सूचना सेंसर को भेज देते हैं.
सीधे त्वचा पर
दो साल के परीक्षण के बाद तैयार हुई इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए शरीर के अंदर कोई सेंसर डालने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि उन्हें सीधे त्वचा पर लगाया जाता है.
हर तरह का तापमान
नई तकनीक मरीजों को चीजों के तापमान का अहसास करा सकती है. बहते पानी की ठंडक से लेकर जलते तवे की आंच तक सब तरह का तापमान इससे महसूस किया जा सकता है.
क्रांतिकारी बदलाव
नकली अंग जिन्हें फैंटम लिंब कहते हैं, अब तक तापमान के इस अहसास से रिक्त थे. यानी लोग अन्य काम तो कर पाते थे लेकिन उन्हें गर्मी-सर्दी महसूस नहीं होती थी.