गरीबी में पले, अब बदल रहे हैं जिंदगी
एक गरीब परिवार में जन्मे रोली मामानी को बचपन में अपने खिलौने खुद बनाने पड़ते थे. अब 34 साल के मामानी इंजीनियर हैं और रोबोटिक खिलौने बनाने से 3D प्रिंटर से नकली अंग बनाने तक पहुंच चुके हैं.
गरीबी ने सिखाया हुनर, बन गया इंजीनियर
रोली मामानी बोलीविया के एक ग्रामीण इलाके में बहुत गरीबी में पले-बढ़े. बचपन में खिलौने नहीं मिलते थे तो वह अपने खिलौने खुद बना लेते थे. बड़े होकर वह इंजीनियर बन गए हैं और अब रोबोटिक खिलौनों का व्यापार करते हैं.
थ्रीडी प्रिंटर से नकली अंग
अपने रोबोटिक खिलौनों के व्यापार से मामानी जो धन कमाते हैं, उससे थ्रीडी प्रिंटर से नकली अंग बनाने में लगा देते हैं, ताकि गरीब लोगों की मदद कर सकें.
दस साल पहले खोली वर्कशॉप
मामानी कहते हैं कि लोगों की जिंदगी में बदलाव लाना ही उनका मकसद है. शुरुआत में मकैनिक के तौर पर काम करने के बाद दस साल पहले उन्होंने अपनी पहली वर्कशॉप खोली थी.
एक घटना से बदल गई जिंदगी
मामानी की जिंदगी में मोड़ तब आया जब उन्होंने एक गांव वाले को बिना बांहों के देखा. तब उन्होंने सोचा कि इसके लिए बांहें बनाई जा सकती हैं.
2018 में शुरुआत
2018 में उन्होंने बोलीविया के अपंग लोगों के लिए 3 डी प्रिंटर के जरिए नकली अंग बनाने का काम शुरू किया. वह कहते हैं, “साइंस एक महाशक्ति है लेकिन जरूरी कामों में इसका इस्तेमाल नहीं होता तो उसका कोई अर्थ नहीं.”
400 से ज्यादा लोगों की मदद
2018 से अब तक वह 400 से ज्यादा नकली अंग बना चुके हैं. इनमें से आधे से ज्यादा मुफ्त ही दिए गए हैं. बोलीविया में इनकी कीमत 1500 अमेरिकी डॉलर के आसपास है.
36,100 लोगों की जरूरत
एक आधुनिक गतिशील बांह या टांग की कीमत 30 हजार डॉलर तक हो सकती है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 36,100 लोगों को नकली अंगों की जरूरत है.