आइसक्रीम खाते ही सिर क्यों झनझना जाता है
कई बार आइसक्रीम खाते हुए सिर में चुभता हुआ सा दर्द उठता है. जैसे कुछ देर के लिए माथा जम गया हो. कुछ मिनटों तक सिर के दोनों ओर या सामने माथे पर झन्नाहट जैसा एहसास होता है. इसे "आइसक्रीम हेडेक" कहते हैं. ये क्यों होता है?
ब्रेन फ्रीज
आइसक्रीम हेडेक, यानी आइसक्रीम खाने पर कभी-कभार होने वाला सिर दर्द. जरूरी नहीं कि सिर्फ आइसक्रीम खाने से ही हो. बहुत ठंडी चीज, जैसे बर्फ का गोला या एकदम चिल्ड पीने की चीज से भी ऐसा दर्द उभर आता है. इसे 'ब्रेन फ्रीज' भी कहते हैं.
सबको हो, ये जरूरी नहीं
यह 'कोल्ड-स्टिम्युलस हेडेक' है. यानी, ये ठंड की वजह से जगता है. ऐसा नहीं कि दर्द बहुत देर तक बना रहे, आमतौर पर बमुश्किल पांच मिनट में ये खत्म हो जाता है. जरूरी नहीं कि ठंडी चीज खाते हुए हर बार या हर किसी को ये दर्द हो.
नसों पर होने वाला असर
इसकी वजह क्या है, इस पर अब भी एक राय नहीं है. लेकिन कई जानकार मानते हैं कि इसका संबंध नसों के सिकुड़ने और फैलने से है. जब हम कोई बहुत ठंडी चीज मुंह में रखते हैं, तो वो हमारे मुंह के अंदरूनी हिस्से के ऊपर यानी तालू या गले के नजदीकी हिस्से को छूती है.
दिमाग के पास पहुंचता है संदेश
ठंड के कारण वहां मौजूद छोटी नसें पहले सिकुड़ती हैं और फिर तेजी से फैलती हैं. वहां मौजूद दर्द महसूस करने वाले हमारे सेंसर नसों की परेशानी भांप लेते हैं. वो नन्हे-नन्हे नर्व फाइबरों के मार्फत बड़े नर्व, यानी ट्रायजेमिनल नर्व को यह संदेश पहुंचाते हैं. यहां से इस सिग्नल की डाक आगे दिमाग तक भेजी जाती है.
दिमाग को हो जाती है गलतफहमी
ट्रायजेमिनल नर्व का मुख्य काम चेहरे को संवेदना या अनुभूति मुहैया कराना है. इसलिए इसे चेहरे से भी दर्द का संकेत मिलता है. फिर ठंड से उभरी इस सनसनी को दिमाग भी पढ़ता है. उसे लगता है कि दर्द का ये सिग्नल सिर से आ रहा है, जबकि असलियत में महसूस हो रहा होता है मुंह को.
रेफर्ड पेन: चोट कहीं, दर्द कहीं
विज्ञान की भाषा में इसे "रेफर्ड पेन" कहते हैं. मतलब शरीर के किसी हिस्से में चोट लगी हो और दर्द कहीं और ही महसूस हो रहा हो. इसकी वजह ये है कि शरीर की सारी नसें एक बहुत बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो आपस में जुड़ी हैं.
बहुत झटपट ना खाएं ठंडी चीज
हार्वर्ड एजुकेशन के मुताबिक, चूंकि इस दर्द की मियाद बड़ी कम होती है इसलिए इन्हें पढ़ना-समझना जरा मुश्किल है. और इस आइसक्रीम हेडेक को किस तरह रोका जाए, इसका भी कोई ठोस तरीका भी नहीं मालूम. हां, ये जरूर कर सकते हैं कि ठंडी चीज एकदम तेजी से ना खाएं. आहिस्ता-आहिस्ता खाएं, तो मजा भी आएगा और शायद दर्द भी ना उठे.