महंगी दवाइयों के कारण सेक्स छोड़ रहे हैं लोग
७ दिसम्बर २०१६डॉक्टरों का कहना है कि बहुत से बुजुर्ग लोगों के लिए सेक्स का आनंद ले पाना इसलिए मुश्किल हो गया है क्योंकि यौन समस्याओं के लिए ली जाने वाली दवाओं की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं. नपुंसकता और अन्य यौन रोगों की दवाएं इतनी महंगी होती जा रही हैं कि इन बीमारियों के रोगियों के लिए सेक्स बहुत महंगी चीज बन गया है.
इंश्योरेंस ना हो तो वायग्रा और सिआलिस की कीमत लगभग 50 डॉलर प्रति गोली बैठती है. इसका मतलब है कि 2010 के मुकाबले इनकी कीमतें तीन गुना बढ़ चुकी हैं. हाल ही में महिलाओं के लिए बाजार में उतारी गई एक तरह की वायग्रा की कीमत 800 डॉलर मासिक है. यह दवा ऐडी नाम के यौन रोग में खाई जाती है. ट्रूवेन हेल्थ ऐनालिटिक्स ने आंकड़ों के अध्ययन के बाद बताया है कि महिलाओं के लिए उपलब्ध दवाओं और उत्पादों की कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है.
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क्लीवलैंड मेडिकल हॉस्पिटल में मनोवैज्ञानिक शेरिल किंग्सबर्ग कहती हैं, "जब वे कीमतों को देखते हैं तो दवा खरीदने का ख्याल ही छोड़ देते हैं." न्यूयॉर्क में एक यौन रोग विशेषज्ञ डॉ. एलिजाबेथ कावलेर कहती हैं कि इन बढ़ती कीमतों के कारण सेक्स एक वित्तीय फैसला बन जाता है और इस वजह से आनंद हवा हो जाता है.
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कई विशेषज्ञों को ऐसे लोग मिल चुके हैं जिन्होंने महंगी दवाओं के कारण सेक्स को ही त्याग दिया है. कावलर बताती हैं कि उम्र बढ़ने के साथ साथ हॉर्मोन लेवल कम हो जाता है जिससे कामेच्छा घटती है और नपुंसकता या योनि में सूखेपन की परेशानी होती है. वह कहती हैं कि पहले लोग उम्र के साथ सेक्स कम होने की बात से समझौता कर लेते थे. लेकिन आज जबकि मिडल एज में तलाक बढ़ गए हैं तो लोग बढ़ती उम्र में नए पार्टनर खोजते हैं और सेक्स फिर से अहम हो जाता है. कावलर कहती हैं, "अपनी उम्र के पांचवें, छठे और सातवें दशक में लोग अब सेक्स को लेकर इतने सक्रिय हैं जितने पहले कभी नहीं रहे." लेकिन महंगी दवाएं उनके आड़े आ रही हैं. शिकागो की डॉ. लॉरेन स्ट्राइशर कहती हैं, "वे लोग फार्मेसी जाते हैं और दवा की कीमत पूछते हैं. फिर वे मुझे फोन करके कहते हैं कि ये तो नहीं खरीदी जा सकती." यह समस्या इसलिए भी है क्योंकि इसके कारण रिश्ते टूट रहे हैं.
वीके/एके (एपी)