अमीर देश जर्मनी में क्यों बढ़ रही है गरीबी
जर्मनी में गरीबों की संख्या तेजी बढ़ रही है. खासकर बच्चों में गरीबी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. हर पांच में से एक बच्चा गरीबी की जद में है.
एक रिपोर्ट में सामने आई जानकारी
जर्मनी की गैर-लाभकारी कल्याणकारी संस्था 'पारिटेटिश वोह्लफ़ार्ट्सफर्बांड' ने एक रिपोर्ट जारी की है. इसके अनुसार, देश में गरीबों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है. इस रिपोर्ट के नतीजे साल 2022 के डेटा पर आधारित हैं.
देश में कितने गरीब
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में जर्मनी में करीब डेढ़ करोड़ लोग गरीबी में जी रहे थे. यानी संख्या कुल आबादी में लगभग 17 प्रतिशत लोग गरीब हैं. 2021 के मुकाबले यह संख्या एक लाख ज्यादा है.
गरीब बच्चों की रिकॉर्ड संख्या
रिपोर्ट कहती है कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी में ना सिर्फ गरीबी बढ़ी, बल्कि बच्चे खासतौर पर इससे प्रभावित पाए गए. देश में हर पांच में से एक बच्चा गरीबी से प्रभावित है.
कोरोना के बाद और बढ़ी गरीबी
2022 के आंकड़ों की तुलना महामारी के पहले के समय से करें, तो स्थितियां ज्यादा गंभीर दिखती हैं. 2019 से 2022 के बीच गरीबों की संख्या में तकरीबन 10 लाख का इजाफा हुआ. हालांकि जर्मनी में 2006 के बाद से ही गरीबी बढ़ रही है. 2006 से अब तक गरीबों की संख्या में करीब 27 लाख की वृद्धि हुई है.
क्यों बढ़ रही है गरीबी
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान और इसके बाद भी कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी. कई रिटायर हो गए. ऐसे में लोगों की आमदनी घटी और उनके पास गुजर-बसर के लिए पर्याप्त संसाधनों का अभाव हो गया. फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हुए रूस के हमले के बाद भी महंगाई काफी बढ़ी है.
दुनिया में कितने गरीब
वर्ल्ड बैंक के 2022 के डेटा के अनुसार, दुनिया में करीब 65 करोड़ लोग बेहद गरीबी में जी रहे हैं. यह दुनिया की कुल आबादी का लगभग आठ फीसदी हिस्सा है. दक्षिण सूडान, बुरुंडी, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक और डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल हैं.