अरुणाचल की खिलाड़ियों के बिना चीन गई भारतीय मार्शल आर्ट टीम
२२ सितम्बर २०२३भारत के प्रमुख अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश की तीन महिला वुशु (मार्शल आर्ट की एक विधा) खिलाड़ी एशियन गेम्स के जरूरी दस्तावेज डाउनलोड नहीं कर सकीं. तीनों खिलाड़ियों को हांगजो एशियन गेम्स कमेटी ने मंजूरी दी थी लेकिन उनके एक्रेडिटेशन कार्ड डाउनलोड ही नहीं हुए. चीन का वीजा पाने के लिए एक्रेडिटेशन कार्ड लगाने जरूरी थे. अखबार के मुताबिक, 10 सदस्यों वाली मार्शल आर्ट टीम, बुधवार को इन तीन खिलाड़ियों के बिना चीन के लिए रवाना हो गई.
अरुणाचल प्रदेश में 32 स्थानों के नाम बदल चुका है चीन
समाचार एजेंसी एएफपी ने इस बारे में भारतीय ओलंपिक संघ और भारत के विदेश मंत्रालय से प्रतिक्रिया मांगी. दोनों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया.
निशाने पर अरुणाचल के खिलाड़ी
इससे पहले जुलाई 2023 में भी चीनी शहर चेंगदू में आयोजित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारतीय वुशु टीम हिस्सा नहीं ले सकी. उस आयोजन में शामिल होने के लिए चीन ने अरुणाचल की इन्हीं तीन खिलाड़ियों को अलग से स्टेपल वीजा दिया गया. वीजा उनके भारतीय पासपोर्ट के बजाए अलग से एक कागज पर था. स्टेपल वीजा इस बात का संकेत है कि चीन, अरुणाचल प्रदेश पर भारत के दावे को स्वीकार नहीं करता है.
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के दौरान हुए वीजा विवाद को भारतीय विदेश मंत्रालय ने "अस्वीकार्य" बताया था. चीनी स्टेपल वीजा के विरोध में पूरी भारतीय वुशू टीम चेंगदू नहीं गई.
अरुणाचल पर विवाद क्यों
पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल राज्य पर चीन अपना दावा जताता है. बीजिंग उसे "दक्षिण तिब्बत" कहता है. 1959 में तिब्बत में चीन के खिलाफ नाकाम विद्रोह के बाद दलाई लामा को भागकर भारत आना पड़ा. तब से चीन तिब्बत को अपना अभिन्न अंग कहता है और कभी तिब्बती साम्राज्य का अंग रह चुके सभी इलाकों पर अपना दावा जताता है. अरुणाचल प्रदेश में होने वाले भारत के किसी भी बड़े आयोजन या वहां तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के दौरे पर बीजिंग हमेशा आपत्ति जताता रहा है.
अमित शाह के अरुणाचल दौरे से गुस्साया चीन
2023 की शुरुआत में चीन ने भारत के साथ विवाद वाले 11 इलाकों के नाम भी बदले. इस पर भी नई दिल्ली ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. हाल ही में बीजिंग ने चीन का नए मानचित्र भी सार्वजनिक किए. इनमें भी अरुणाचल समेत कुछ भारतीय इलाकों को चीनी भूभाग के रूप में दिखाया गया है. भारत सरकार ने चीन के नए आधिकारिक नक्शों को भी उसके पुराने मानचित्रों की तरह खारिज किया है. चीन के साथ अरुणाचल विवाद के पर नई दिल्ली कहती आई है कि यह राज्य भारत का"अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा" है.
हाल के वर्षों में भारत ने अरुणाचल प्रदेश समेत चीन की सीमा से लगे सभी इलाकों में आधारभूत ढांचे का विकास तेज किया है. सीमा से सटे कई इलाकों तक ऑल वेदर रोड, सुरंगें, रेलवे लाइनें और एयरफील्ड बनाए जा रहे हैं.
2023 में भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है. इस दौरान साल भर में देश में जी20 की 220 से ज्यादा बैठकें होनी हैं. नई दिल्ली ने मार्च में अरुणाचल प्रदेश में जी20 के प्रतिनिधियों की बैठकें आयोजित कीं और मई में कश्मीर में. इन आयोजनों पर पाकिस्तान और जी20 के सदस्य चीन ने नाराजगी जाहिर की.
ओएसजे/एनआर (एएफपी)