चीन पर मस्जिदों को बंद करने और तोड़ने का आरोप
२२ नवम्बर २०२३मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने चीन पर अपनी नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि चीन की सरकार मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में मस्जिदों को बंद करने का काम कर रही है या उन्हें ध्वस्त करके अधिकारी अपनी शैली में नई इमारतों का निर्माण कर रहे हैं.
एचआरडब्ल्यू ने आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई चीन में इस्लामी प्रथाओं को दबाने का एक "व्यवस्थित प्रयास" है. चीन में लगभग दो करोड़ मुस्लिम रहते हैं और उनमें से अधिकांश देश के उत्तर-पश्चिम में रहते हैं, जिनमें शिनजियांग, गांसू और निंगक्सिया क्षेत्र शामिल हैं.
आधिकारिक तौर पर चीन एक नास्तिक देश है, लेकिन वह कहता है कि देश पूरी तरह से धार्मिक स्वतंत्रता की अनुमति देता है. हालांकि कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि हाल के वर्षों में चीन में धर्म पर संगठित कार्रवाई बढ़ी है और बीजिंग अधिक नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहा है. बीजिंग ऐसे मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को खारिज करता है.
एचआरडब्ल्यू की रिपोर्ट में क्या है?
चीन के लिए ह्यूमन राइट्स वॉच की कार्यवाहक निदेशक माया वांग ने रिपोर्ट के संबंध में एक बयान में कहा, "चीनी सरकार द्वारा मस्जिदों को बंद करना, उन्हें नष्ट करना और उनके पुनर्निर्माण की प्रक्रिया ने चीन में इस्लामी परंपराओं को कमजोर कर दिया है. इसे रोकने की जरूरत है." संगठन का कहना है कि रिपोर्ट चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में उइगुर मुसलमानों के खिलाफ व्यवस्थित मानवाधिकार उल्लंघन के बढ़ते सबूतों पर आधारित है.
एचआरडब्ल्यू की रिपोर्ट के मुताबिक निंगक्सिया स्वायत्त क्षेत्र के मुस्लिम बहुल गांव लियाओकियाओ में छह मस्जिदों में से तीन के गुंबद और मीनारें नष्ट कर दी गई हैं, जबकि बाकी मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए मुख्य हॉल नष्ट कर दिए गए हैं.
चीन कर रहा अब मस्जिदों पर कार्रवाई
एचआरडब्ल्यू को मिली सैटेलाइट फुटेज से पता चलता है कि अक्टूबर 2018 और जनवरी 2020 के बीच लियाओकियाओ गांव में एक मस्जिद के गोल गुंबद को बदलकर चीनी पैगोडा में बदल दिया गया. एचआरडब्ल्यू की ओर से वेरिफाइड एक वीडियो में दिखाया गया है कि निंगक्सिया में एक मस्जिद में वजुखाने को नष्ट कर दिया गया. गांसू प्रांत की सीमा निंगक्सिया से लगती है और वहां के अधिकारियों ने समय-समय पर मस्जिदों को बंद करने या स्थानांतरित करने की योजना की घोषणा की है.
ह्यूमन राइट्स वॉच की एशिया निदेशक इलेन पियर्सन का कहना है कि दुनिया भर के अरब और मुस्लिम नेताओं को चीन से "सवाल पूछना चाहिए और इस विषय पर चिंताएं जाहिर करनी चाहिए." यह पहली बार नहीं है कि चीन में मुसलमानों या मस्जिदों को लेकर ऐसी रिपोर्ट सामने आई हो. हालांकि बीजिंग इस बात पर जोर देता है कि देश में धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार है और वह मानवाधिकारों के हनन के आरोपों को खारिज करता है.
एए/एमजे (एपी, एएफपी)