एक और पाकिस्तानी आतंकी के बचाव में उतरा चीन
१९ अक्टूबर २०२२चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में किसी आतंकवादी को प्रतिबंधित सूची में डालने की कोशिश को चार महीनों के अंदर चौथी बार बाधित किया है. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कराने के प्रस्ताव को भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश किया था. यह चौथी बार है जब चीन ने किसी आतंकी को वैश्विक सूची में डालने से इनकार किया है.
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चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की "1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति" के तहत शाहिद महमूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को बाधित किया है. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने साल 2016 में शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था.
आतंकियों के बचाव में चीन?
यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने किसी पाकिस्तानी आतंकी का अंतरराष्ट्रीय मंच पर बचाव किया हो. चीन ने इससे पहले पाकिस्तान के आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आईएसआईएस और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत लाए गए भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया था. अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता तो मक्की को यूएन की वैश्विक आतंकी सूची में डाला जा सकता था.
अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर चीन का अड़ंगा
अगस्त महीने में भी चीन ने जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था. यह प्रस्ताव भी अमेरिका और भारत सुरक्षा परिषद में लेकर आए थे. मसूद अजहर पर मुंबई के 26/11 हमले का मास्टरमाइंड होने का आरोप है.
चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है, इसलिए उसके पास वीटो शक्ति है. और सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य में से कोई भी प्रस्ताव से सहमत नहीं हो तो वीटो कर सकता है. सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देश हैं चीन, अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन.